MP CM Mohan Yadav Viral Photo: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी सादगी और अलग अंदाज को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. वे अपने छोटे बेटे अभिमन्यू यादव की शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में करने जा रहे हैं. इसकी खबरें सामने आईं तो उनकी सादगी एक बार फिर चर्चा में आ गई. इसी बीच सीएम मोहन यादव और उनकी पत्नी सीमा यादव की एक तस्वीर सोशल मीडियो पर सामने आई. जिसमें सीएम यादव पुलिसकर्मी की यूनिफार्म में नजर आ रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या राजनीति में आने से पहले सीएम यादव पुलिसकर्मी थे? आइए, जानते हैं.
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दरसअल, सीएम डॉ. मोहन यादव की इस तस्वीर को Anek Yadav नाम के फेसबुक पेज से शेयर किया गया है. इसके 74 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं. इस पेज पर सीएम मोहन यादव की और उनके परिवार की कई तस्वीरों को शेयर किया गया है. एक तस्वीर में साीएम यादव पुलिसकर्मी की यूनीफार्म में नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी पत्नी में वे अपनी पत्नी के साथ यूनीफार्म में दिख रहे हैं. इन तस्वीरों को फेसबुक पेज पर बार-बार शेयर किया जा रहा है. इससे पहले 27 सितबर को सीएम यादव की एक तस्वीर पोस्ट की गई है जो आर्मी जैसी नजर आ रही है.
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इन तस्वीरों का सच क्या?
बता दें कि यह सभी तस्वीरें AI जनरेटेड हैं, सीएम मोहन यादव कभी पुलिस में नहीं रहे हैं. वे अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में जुड़े हुए हैं. Anek Yadav नाम के फेसबुक पेज पर पोस्ट की जा रहीं ज्यादातर तस्वीरें AI जनरेटेड ही हैं. इसलिए इस तरह की फोटो देखकर आप किसी भ्रम में न रहें.
जानिए, MP सीएम मोहन यादव का सियासी सफर?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सियासी पारी काफी लंबी हैं, उन्होंने संगठन से लेकर प्रदेश का मुखिया बनने तक लंबी राजनीतिक यात्रा तय की है. 25 मार्च 1965 को उज्जैन में जन्मे डॉ. यादव छात्र जीवन से ही राजनीति और संगठनात्मक गतिविधियों से जुड़े रहे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कई जिम्मेदारियों को निभाते हुए वे लगातार आगे बढ़ते गए. डॉ. यादव की सक्रिय राजनीति का आरंभ 1982 में हुआ, जब वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव बने. 1984 में वे इसी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए. ABVP में उन्होंने नगर मंत्री, विभाग प्रमुख, प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जैसे पदों पर काम किया. 1991-92 में वे परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रहे. 1993 से 1996 तक मोहन यादव RSS उज्जैन नगर में सह-खंड कार्यवाह, नगर कार्यवाह और विभिन्न दायित्वों में सक्रिय रहे. संघ में सक्रियता के कारण 1997 में उन्हें भाजयुमो प्रदेश समिति में स्थान मिला. 1998 में वे पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बने. 2004-2010 के बीच वे उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहे. इसके बाद 2011-2013 में वे मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) बने. 2013 में पहली बार विधायक चुने गए. 2018 में दूसरी बार विधानसभा पहुंचे, 2020 में उन्हें शिवराज सरकार में मंत्री बनाया गया. 2023 के विधानसभा चुनाव में वे तीसरी बार विधायक बने और फिर भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया.
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