Jabalpur: MP में 1400 से अधिक तहसीलदार हड़ताल पर, राजस्व के ये दस काम ठप... चक्कर काट रहे किसान

MP News: जबलपुर के एक तहसीलदार पर FIR होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. MP तहसीलदार संघ पूरे प्रदेश में हड़ताल पर बैठी है. उनका कहना है कि ये FIR फर्जी है और इसे तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए. 

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Tehsildars Strike in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में तहसीलदार और नायब तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसका कारण जबलपुर (Jabalpur) के अधारताल तहसील के तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे के खिलाफ दर्ज की गई FIR है. इन अधिकारियों का कहना है कि यह FIR गलत तरीके से दर्ज की गई, जिसमें सिविल सेवा आचरण संहिता (Civil Services Code of Conduct) का उल्लंघन हुआ है. तहसीलदार संघ की मांग है कि यह FIR तुरंत ही निरस्त की जाए और जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे. संघ का यह भी कहना है कि इस कार्रवाई से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर प्रश्न उठता है और अधिकारियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई बिना कारण की दखलंदाजी के समान है.

ये था पूरा मामला

इस हड़ताल में पूरे MP के 1400 से अधिक तहसीलदार, नायब तहसीलदार और SLR शामिल हैं. मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह बघेल ने बताया कि जबलपुर के तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे ने 8 अगस्त 2023 को एक वसीयत के आधार पर नामांतरण का आदेश दिया था, जिसे 9 सितंबर 2023 को SDM ने निरस्त कर दिया था. इसके बाद 12 सितंबर को बिना किसी विभागीय अनुमति के FIR दर्ज कर तहसीलदार की गिरफ्तारी कर ली गई थी. संघ ने तहसीलदारों के लिए न्यायिक संरक्षण की मांग की है.

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पूरे MP में हड़ताल से बाधित होंगे ये काम 

  • भूमि राजस्व की वसूली: तहसीलदार और नायब तहसीलदार का मुख्य काम भूमि राजस्व की वसूली करना होता है. वे यह सुनिश्चित करते हैं कि किसान और भूमि मालिक अपने निर्धारित भूमि राजस्व का भुगतान समय पर करें
  • भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव: ये अधिकारी भूमि संबंधी सभी रिकॉर्ड और दस्तावेजों (खसरा, खतौनी आदि) को अद्यतन और सुरक्षित रखते हैं. भूमि मालिकों की जानकारी को नियमित रूप से जांचा और सत्यापित किया जाता है
  • म्यूटेशन (नामांतरण) की प्रक्रिया: जब कोई भूमि का मालिक बदलता है, तो तहसीलदार और नायब तहसीलदार भूमि के नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया को संपन्न करते हैं. इसमें नए मालिक के नाम पर भूमि दर्ज करना शामिल है
  • भू-अभिलेखों की देखरेख: तहसीलदार और नायब तहसीलदार विभिन्न भू-अभिलेखों (जमाबंदी, नक्शा आदि) का निरीक्षण और अपडेट करने का काम करते हैं ताकि भूमि की स्वामित्व स्थिति स्पष्ट रहे

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  • राजस्व विवादों का निपटारा: तहसीलदार और नायब तहसीलदार भूमि स्वामित्व या भूमि सीमा विवादों से संबंधित मामलों को सुनते हैं और उनका निपटारा करते हैं. वे इस संबंध में छोटे-मोटे मुकदमों का न्यायिक समाधान भी देते हैं
  • सर्वेक्षण और भूमि विभाजन: वे भूमि का सर्वेक्षण और पुन: सीमांकन (री-सर्वे) कराते हैं. इसके अलावा, भूमि के विभाजन (पार्टिशन) और पुनर्वितरण के मामलों की देखरेख भी करते हैं
  • कृषि संबंधित कार्य: तहसीलदार कृषि से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करते हैं, जैसे फसल की पैदावार और सिंचाई सुविधाओं की जानकारी रखना
  • प्राकृतिक आपदा के समय राहत कार्य: प्राकृतिक आपदा, जैसे सूखा, बाढ़, ओला वृष्टि आदि के समय वे नुकसान का आकलन करते हैं और किसानों को मुआवजा दिलाने में मदद करते हैं
  • सरकारी भूमि की देखरेख: तहसीलदार और नायब तहसीलदार यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा न हो और यदि होता है तो उसे हटाने के उपाय करें
  • आय प्रमाण पत्र और अन्य प्रमाण पत्र जारी करना: तहसीलदार नागरिकों को आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और अन्य प्रशासनिक प्रमाण पत्र जारी करने का काम भी करते हैं

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