
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मैहर जिले के रामनगर क्षेत्र अंतर्गत सिंहपुर घाट से शनिवार को 12 श्रद्धालु बाणसागर जलाशय में फंस गए. बताया गया है कि सभी चंडी माता मंदिर (ग्राम बन्नेह, टापू क्षेत्र) के दर्शन हेतु नाव से गए थे. सभी श्रद्धालु ग्राम पुरैना के निवासी आदिवासी थे,जो परंपरा अनुसार हर वर्ष मां चंडी के दर्शन करने जाते हैं.
भटक गई थी नाव
जानकारी के मुताबिक नाव जैसे ही बाणसागर जलाशय के मध्य पहुंची, अचानक तेज हवाओं और ऊंची लहरों के कारण संतुलन बिगड़ गया. नाव दिशा भटक कर लगभग 10 से 15 किलोमीटर दूर टापू क्षेत्र में फंस गई. स्थिति इतनी गंभीर थी कि नाव कभी भी पलट सकती थी. नाव सवार श्रद्धालुओं ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी और मदद की गुहार लगाई.
सूचना मिलते ही पहुंची प्रशासनिक टीम
सूचना मिलते ही रामनगर एसडीएम एस.पी. मिश्रा, जनपद सीईओ मुन्नीलाल प्रजापति,थाना प्रभारी विजय त्रिपाठी, तहसीलदार अनामिका सिंह, नायब तहसीलदार ललित धार्वे व नायब तहसीलदार रोशन रावत तत्काल मौके पर पहुंचे. राहत कार्य के लिए सरसी एवं मौदहा मछली कंपनी से स्टीमर (बोट) मंगाई गई.
प्रशासनिक दल ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और नाव में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकालकर सेमरिया घाट लाया गया. इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को सकुशल उनके ग्राम सिंहपुर पहुंचाया गया.
ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
गौरतलब है कि यदि समय पर प्रशासन ने मुस्तैदी नहीं दिखाई होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. सूझबूझ और त्वरित बचाव कार्य के कारण 12 लोगों की जान बच सकी. मदद मिलने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. इस घटना ने यह दर्शाया की बिना सुरक्षा प्रबंधों के जलाशय में नाव संचालन कितना खतरनाक साबित हो सकता है. प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि जलाशय में नाव से यात्रा करते समय सावधानी बरतें और मौसम खराब होने पर ऐसे जोखिम से बचें.
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