
Madhya Pradesh news : मध्य प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी का अहसास हो रहा है. वहीं, फायर ब्रिगेड की गाड़ी तमाशा बन गई है. गाड़ी का दम निकलते देख ग्रामीणों ने खूब तंज कसा है. दो महीने तक चले मेंटेनेंस की सारी पोल खुल गई. दरअसल, मैहर जिले के रामनगर थाना क्षेत्र के हटवा गांव में शुक्रवार को नगर परिषद की लापरवाही और भ्रष्टाचार की परतें खुलकर सामने आ गईं. आग बुझाने के लिए बुलाई गई फायर ब्रिगेड ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया. उसे ट्रैक्टर से टोचन कर वापस नगर परिषद लाया गया.
मेंटेनेंस पर उठे सवाल
हैरानी की बात यह है कि यह वही फायर ब्रिगेड है, जिसका पिछले दो महीनों तक मेंटेनेंस रीवा में कराया गया. अब सवाल उठता है कि क्या मेंटेनेंस के नाम पर केवल वाहन को खड़ा रखा गया? या फिर जिम्मेदारों ने कोई काम भी कराया. ज्ञात हो कि दो दिन पहले ही यह मशीन सुधार होने के बाद नगर परिषद कार्यालय पहुंची थी.
इंजीनियर की देखरेख में हुआ मेंटेनेंस
पूर्व सीएमओ ने एजेंसी से मेंटीनेंस कराने के लिए आदेश दिया था. फायर ब्रिगेड के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी इंजीनियर ओमप्रकाश द्विवेदी को दी थी. लेकिन विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इंजीनियर साहब ने किसी अधिकृत एजेंसी से काम करवाने के बजाय रीवा की किसी जगह से मेंटेनेंस कराया. कहा जाता है कि जिस जगह से मेंटेनेंस हुआ वह इंजीनियर की चहेती फर्म है, जो निजी तौर पर मेंटेनेंस का काम करती है.
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क्या बिना मेंटेनेंस लौटी गाड़ी?
फायर ब्रिगेड पहले भी कमीशन खोरी का शिकार रही है. मेंटेनेंस के नाम पर हर बार लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं,लेकिन गाड़ी की हालत जस की तस बनी रहती है. अब तक फायर ब्रिगेड पर इतनी लागत आ चुकी है कि 2-4 नई फायर ब्रिगेड खरीदी जा सकती थीं, जिस प्रकार से ऐन वक्त पर मशीन खराब हुई उससे सवाल यही उठता है कि क्या रीवा में किसी प्रकार का मेंटेनेंस नहीं हुआ? क्या नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी किसी की जवाबदेही तय कर दोषियों के खिलाफ एक्शन लेंगे?
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