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महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द, कैश फॉर क्वैरी मामले में संसद में रिपोर्ट मंजूर

कैश फॉर क्वेश्चन मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. एनडीए की तरफ से महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को संसद से निष्कासित करने के लिए लाए गए प्रस्ताव को ध्वनमित से पारित कर दिया गया है.

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महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द, कैश फॉर क्वैरी मामले में संसद में रिपोर्ट मंजूर
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द

Mahua Moitra expelled from parliament: टीएमसी की महुआ मोइत्रा  (Mahua Moitra) की सांसदी रद्द हो गई है. आज यानी 8 दिसंबर को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कैश फॉर क्वैरी केस मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई, जिसे ध्वनि मत से पास कर दिया गया. महुआ मोइत्रा को लोकसभा सदस्य के रूप में निष्कासित करने के बाद सदन को 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए महुआ मोइत्रा का सांसद बने रहना उचित नहीं है. 
 

ओम बिरला, स्पीकर

दरअसल, पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा में ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित हुआ. इससे पहले लोकसभा में 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई थी, जिस पर 2 बजे चर्चा हुई. चर्चा के बाद स्पीकर ने वोटिंग करवाई. स्पीकर ने आधे घंटे चर्चा की अनुमति दी थी. दरअसल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया था. 

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने कहा कि सदन की गरिमा और मर्यादा को कायम रखने के लिए यदि कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत पड़ी तो लेने होंगे.

क्या है पूरा मामला 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में महुआ मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह (Adani Group) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. निशिकांत  दुबे ने कहा था, 'आरोप सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के पत्र पर आधारित थे, जो उन्हें मिला था, जिसमें मोइत्रा और व्यवसायी के बीच 'रिश्वत के लेन-देन' के कई सबूत मौजूद हैं.

 लोकसभा में प्रस्ताव पेश होने के दैरान किसने क्या कहा

वहीं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने चर्चा के दौरान कहा, '406 पन्नों की रिपोर्ट इतनी जल्दी कैसे पढ़ें, इसे पढ़ने के लिए 3-4 दिन का समय दिया जाए. जबकि कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आई और 2 बजे बहस शुरू हो गई. ये बहुत ही संवेदनशील मामला है. महुआ मोइत्रा को अपनी पूरी बात कहने का मौका मिलना चाहिए. 

हालांकि इस मामले में बीजेपी सांसद हिना गावित ने मनीष तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. साल 2005 में कांग्रेस सरकार के दौरान एक ही दिन रिपोर्ट पेश की गई और उसी दिन 10 सांसदों को निष्कासित कर दिया गया था. मैने 2 घंटे तक पूरी रिपोर्ट पढ़ी है.  

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