Mahakal Darshan: बीजेपी विधायक के बेटे ने जबरन किया गर्भ गृह दर्शन! कांग्रेस ने जांच कमेटी पर उठाए सवाल

Mahakal Darshan Controversy: इंदौर के भाजपा विधायक और उनके बेटे द्वारा भस्म आरती से पहले गर्भगृह में जबरन घुसने ओर कर्मचारी से अभद्रता करने के विरोध में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया. खास बात इस घटना के दौरान मंदिर की लाइव लिंक बंद कर दी गई थी. वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद भी प्रशासन ने कारवाई के बाजाए तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर सात दिन में जांच का दावा किया. लेकिन इस कमेटी के सदस्य ही संदेह के घेरे में हैं.

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Mahakal Darshan Controversy: कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

Mahakal Darshan Controversy: मध्यप्रदेश के उज्जैन में बुधवार 23 जुलाई को महाकाल मंदिर के प्रशासक कार्यालय का घेराव कर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. ये आंदोलन इंदौर के भाजपा विधायक और उनके बेटे द्वारा भस्म आरती से पहले गर्भगृह में जबरन घुसने ओर कर्मचारी से अभद्रता करने के विरोध में किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने विधायक पर केस दर्ज की मांग करते हुए जांच के लिए बनाई कमेटी पर भी सवाल खड़े किए. महाकाल मंदिर में सोमवार को हुई घटना के विरोध में बुधवार दोपहर कांग्रेस नगर अध्यक्ष मुकेश भाटी,नगर निगम के प्रतिपक्ष नेता रविराय, माया त्रिवेदी दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने मंदिर प्रशासक कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की. कांग्रेस ने विधायक ओर उनके पुत्र रूद्राक्ष पर केस दर्ज की मांग की. साथ ही मामले की जांच के लिए बनाई कमेटी में शामिल अधिकारियों को बदलने की मांग की. साथ ही चेतावनी दी कि मांग नहीं माने जाने पर कांग्रेस प्रदेश स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी.

विधायक के खिलाफ इसलिए हुआ प्रदर्शन

श्रावण माह के दूसरे सोमवार यानी 21 अप्रैल को इंदौर के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला बेटे रुद्राक्ष के साथ जबरन भस्म आरती से पहले महाकाल मंदिर के गर्भगृह में घूस गए थे. इस दौरान रोकने पर रुद्राक्ष ने मंदिर कर्मचारी आशीष दुबे से अभद्रता कर उसे धमकाया था. बता दे कि रुद्राक्ष करीब 100 दिन पहले ऐसी ही हरकत देवास के चामुंडा माता मंदिर पर भी कर चुका हैं.

प्रशासन कटघरे में क्यों?

खास बात यह है कि घटना के दौरान मंदिर की लाइव लिंक बंद कर दी गई थी. वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद भी प्रशासन ने कारवाई के बाजाए तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर सात दिन में जांच का दावा किया. लेकिन कमेटी में सुरक्षा अधिकारी जयंत राठौर और सहायक प्रशासक एसएन सोनी को शामिल किया जबकि वह भी शंका के घेरे में है.

गर्भगृह में प्रवेश पर भेजा था जेल

महाकाल लोक बनने से पहले महाकाल मंदिर में रोजाना 20 से 30 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे. अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक बनने के बाद भक्तो की संख्या में चार गुना हो गई. ऐसे में प्रतिदिन लाखों भक्तों को गर्भगृह से दर्शन करवाना संभव नहीं होने के कारण गर्भगृह बंद किया गया था. बावजूद भाजपा के कई नेता अनधिकृत रूप से गर्भगृह में घुसने के मामले सामने आए, लेकिन कुछ माह पहले एक युवक को गर्भगृह में प्रवेश करने पर जेल भेज दिया था.

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