Mahakal Mandir Ujjain: भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के सामने जलाई फुलझड़ी, ऐसी है दिवाली की धूम

Mahakal Mandir Diwali 2024: उज्जैन में हर पर्व की शुरुआत बाबा महाकाल के दरबार से होती है. आज दिवाली का पर्व भी भस्म आरती के दौरान मंदिर में मनाया गया. यहां बाबा को भोग प्रसाद चढ़ाया गया. इसके साथ ही आज से महाशिवरात्रि तक के लिए गर्म पानी से स्नान कराने की शुरुआत हुई.

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Mahakal Bhasm Aarti Ujjain: उज्जैन में किसी भी पर्व की शुरुआत विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Shree Mahakaleshwar Temple) से होती है. यही वजह है कि गुरुवार तड़के भस्म आरती (Bhasm Aarti) में पहले बाबा महाकाल को उबटन लगाकर सजाया, फिर फुलझड़ी जलाकर और अन्नकूट का भोग लगाकर दीपावली पर्व की शुरुआत की गई. उज्जैन की परंपरानुसार हर पर्व की शुरुआत बाबा महाकाल की तड़के होने वाली भस्म आरती से होती है. वहीं इस बार तिथियों के चलते दीपावली भी कहीं 31 अक्टूबर तो कहीं 1 नवम्बर को मानी जा रही है, लेकिन महाकाल मंदिर में ग्वालियर पंचांग से पर्व तय होते हैं. इसलिए गुरुवार को ही रूप चौदस और दीपावली मानी गई. इसलिए तड़के हुई भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान करवाकर दूध, दही, घी, शहद और फल के रस से बने पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया. इस दौरान पुजारी परिवार की महिलाओं ने बाबा को केसर चंदन इत्र का उघटन लगाया. उसके बाद गर्भ गृह में बाबा महाकाल के साथ पुजारी ने फुलझड़ियां जलाकर दीपावली पर्व मनाया और अन्न कूट भी लगाया.

रोशनी से जगमगाया मंदिर

दीपावली पर महाकाल मंदिर में आकर्षक रंग बिरंगी विद्युत रोशनी की गई है. रंगोली और फूलों से सजाया गया है. वहीं थाईलैंड, बैंकॉक, मलेशिया के अलावा भारत के बैंगलोर, कोलकाता, दिल्ली, मुंबई से एंथोरियम, लिलियम, कॉर्निशन, सेवंती, डेजी जैसे फूलों से बाबा के आंगन को सजाया गया है.

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बाबा महाकाल का अभ्यंग स्नान

पुजारी महेश शर्मा ने बताया की विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्मारती के दौरान भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया. इसे अभ्यंग स्नान कहते हैं. चूंकि कार्तिक मास की चौदस से सर्दियों की शुरुआत मानी जाती है, इसलिए ठंड से बचने के लिए बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने की परंपरा है. इसकी शुरुआत हो गई है. अब महाशिवरात्रि तक बाबा को गर्म जल से स्नान कराया जाएगा. वहीं दिवाली पर्व पर महाकाल को धान, खाजा, शक्कर पारे, गूंजे, पपड़ी-मिठाई सहित भोग की थाली में खास मूली की सब्जी, बैगन की सब्जी भी भोग के रूप अर्पित की गई.

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