MP News: पन्ना (Panna) जिले के अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य में चल रहे निशुल्क महिला नसबंदी शिविर में लापरवाही सामने आई है. नसबंदी के बाद दर्जनों महिलाओं को कड़ाके की ठंड में फर्श पर लेटने को मजबूर होना पड़ा. लापरवाही यहीं तक नहीं है बल्कि इसी शिविर में एक महिला को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर छोड़ दिया गया. शाम को जब उसे होश आया तो पता चला कि उसका ऑपरेशन हुआ ही नहीं है, इन लापरवाहियों के बाद लोगों में अस्पताल प्रबंधन के प्रति नाराजगी है.
महिला को बेहोश कर छोड़ा
दरअसल अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर लगा था. यहां जमुनिहा की महिला लीला भी नसबंदी करवाने आई. बाकायदा उसके ऑपरेशन की भी तैयारियां भी हो गई. नर्स ने इंजेक्शन लगाकर उसे बेहोश किया. दिनभर वह बेहोश पड़ी रही. शाम को उसे होश आया तो पता चला कि उसका ऑपरेशन हुआ ही नहीं है. इसके बाद महिला और उसके परिजनों में नाराजगी देखी गई.
30 बिस्तरों का है अस्पताल
अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 30 बेड का है. अधिकतर बेड पर मरीज होने के कारण नसबंदी कराने आने वाली महिलाओं को कड़ाके की ठंड में फर्श पर लेटने को मजबूर होना पड़ा. इस संबंध में जब खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केपी राजपूत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक दिन में अधिकतम 60 महिलाओं की नसबंदी की जा सकती है. इसके लिए एफआरएचएस ने कांट्रैक्ट लिया है. डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर इत्यादि लगभग सभी व्यवस्थाएं एफआरएचएस के द्वारा ही उपलब्ध कराई जाती हैं. अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में केवल बेड उपलब्ध कराए जाते हैं. नसबंदी में 1 घंटे का समय लगता है. उसके बाद 3 घंटे तक रेस्ट के बाद महिला को छुट्टी दे दी जाती है. वहीं एफआरएचएस के संदीपन सिंह परिहार ने कहा कि बेड की कमी की वजह से नसबंदी के बाद महिलाओं को फर्श पर लेटना पड़ा, लेकिन उनके लिए गद्दे कंबल इत्यादि की व्यवस्था की गई है.
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लोगों में नाराजगी
यही हाल जिला चिकित्सालय पन्ना एवं जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के शिविरों के बताए जा रहे हैं. महिलाओं के परिजनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि इस प्रकार संवेदनशील कार्य में बरती गई घोर लापरवाही की वजह से महिलाओं के स्वास्थ्य और जिंदगी पर खतरा हो सकता है. जिसे एफआरएचएस अधिकारियों के द्वारा नजर अंदाज किया जा रहा है. कुछ लोगों के द्वारा यह भी कहा गया है कि ऐसी लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि दोबारा इस प्रकार महिलाओं की सुरक्षा एवं जिंदगी से खिलवाड़ ना हो.
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