
MP Latest News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विकास को लेकर सरकार बड़े-बड़े दावे करती है. हर घर शौचालय और पानी की व्यवस्था की बात करती है. लेकिन जमीनी हकीकत पर सरकार के दावों की पोल खुलती नज़र आ रही है. खबर मध्य प्रदेश के शिवपुरी (Shivpuri) ज़िले की है जहां की सड़कों से मानों विकास कहीं गुम हो गया है. ज़िले में किस कदर बदहाली का नज़ारा है....इस बात का अंदाज़ा आप इन तस्वीरों से लगा सकते हैं. तस्वीर जिला मुख्यालय पर नगर पालिका परिषद शिवपुरी के अंदर आने वाले वार्ड नंबर 24 की है. जहां बड़ी तादाद में आदिवासी परिवार रहते हैं. इस आदिवासी बस्ती को इलाके में शहराने के नाम से जाना जाता है लेकिन यहां की तस्वीर देखकर आपको एहसास होगा कि आदिवासी किस तरह से बदहाल जीवन जीने को मजबूर हैं. यहां ना घरों में नल से पानी आता है, ना सड़के दिखाई पड़ती हैं और ना ही सरकार की हर-घर शौचालय वाली बात कहीं से सच साबित होती है. जब हम इस कॉलोनी के अंदर पहुंचे तो बस्ती के चारों तरफ जमा कचरा, बदबू और सड़क पर बहता हुआ गंदा पानी...इन सब से हवा इस कदर दमघोंटू हो गई थी कि सांस लेना मुश्किल हो रहा था.

NDTV की टीम ने मौके पर हालात को समझने की कोशिश की. शिवपुरी शहर के बीचों-बीच बसी हुई आदिवासी कॉलोनी में तकरीबन 100 से ज्यादा परिवार हैं जो अपना आशियाना बना कर रहते हैं. कॉलोनी के ज्यादातर घर कच्चे हैं और लोग बस्ती में रहने को मजबूर है. यहां पर रहने वाले लोगों को पक्के मकान का इंतजार है... इन सब के अलावा अगर मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो इस जगह पर आम सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं. यहां पर बस दिखाई देता है तो सिर्फ गंदगी का ढेर और चारों तरफ बदबू और दुर्गंध के बीच रहते लोग.... इस बस्ती में रहने वाले आदिवासी परिवारों के पास न तो नल का कनेक्शन है ना शौचालय हैं और यहां पर बनी सड़क ऐसे है जो दिखाई नहीं देती. इस कॉलोनी का हाल आज से ऐसा नहीं है बल्कि सालों-साल हो गए लेकिन इन बस्ती वालों की समस्या पर अब तक किसी ने कोई सुनवाई नहीं की. लोगों का कहना है कि जो भी आता है सुनकर चला जाता है. हमारी तकलीफों और समस्याओं से कोई भी इत्तेफाक नहीं रखता.

नेताजी भी आए वोट मांगे और निकल लिए
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर खूब ढोल बाजे बजते हुए दिखाई दिए. अपने बैनर-पोस्टर के साथ नेताजी और उनके समर्थक वोट मांगने बस्ती में भी पहुंचे. समस्या भी देखी-सुनी.., मदद का वादा किया और निकल लिए. लेकिन लोगों को अब तक उनकी समस्याओं से कोई नहीं निजात नहीं मिल सकी है. यहां हालात यह है कि लोगों को तो परेशानी होती ही है. साथ ही मासूम बच्चों को भी परेशानियों का सामना उठाना पड़ता है जो अपने परिवार के साथ यहां रहते हैं. चारों तरफ गंदगी और उससे फैलने वाली बीमारियां इन बच्चों को जकड़ में लेकर हमेशा बीमार बनाए रखती हैं. एक तरफ सरकार कहती है कि हर-घर नल है... हर घर शौचालय है, लेकिन इस बस्ती में है यह नल और शौचालय कहां पर है? इसका जवाब किसी को नहीं पता.
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