
MP News in Hindi: मध्य प्रदेश में आरटीआई कार्यकर्ता बीके माला की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने लोक निर्माण विभाग (PWD) सतना के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी और दिल्ली की संविदा कंपनी एसआर कंस्ट्रक्शन के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र सहित विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की है। आरोप है कि इन्होंने फर्जी रॉयल्टी एनओसी और कलेक्टर कार्यालय रीवा के फर्जी पत्र के आधार पर ₹2.59 करोड़ की रोकी गई राशि का अवैध भुगतान कराया.
RTI कार्यकर्ता बीके माला ने उजागर किया था घोटाला
इस मामले में रीवा के एडवोकेट एवं आरटीआई एक्टविस्ट बीके माला ने शिकायत की थी. ईओडब्ल्यू ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (षड्यंत्र), 409 (सरकारी पद पर रहते हुए गबन), 420 (धोखाधड़ी), 467-471 (जालसाजी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7C, 13(1)(A), 13(2) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अब आरोपियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की भी जांच होगी.
उल्लेखनीय है कि सीआरएफ योजना के अंतर्गत वर्ष 2017 से 2022 की अवधि में सतना जिले के सेमरिया बनकुइंया मार्ग से गाजन, मझियार, बकिया, लौलाछ, भटिगवां, खाम्हा, किचवरिया, इटौर, मैनपुरा, अकौना, टिकरी, खमरिया, गोरइया मार्ग में 46.70 किमी के सड़क निर्माण कार्य में लोक निर्माण विभाग सतना एवं संविदाकार मेसर्स एसआर कन्स्ट्रक्शन दिल्ली द्वारा एक मई 2017 को अनुबंध निष्पादित किया था.
अनुबंध के अनुसार कराए गए सड़क निर्माण कार्यों के अंतिम देयक का भुगतान 27 जुलाई 2021 को किया गया. निर्माण कार्य के बिलों के भुगतान में माइल स्टोन (कार्य में विलम्ब) की राशि रुपये 2,59,66,580 लोक निर्माण विभाग सतना द्वारा रोक ली गई थी. इसी राशि को लेकर पूरा गड़बड़झाला हुआ.
भुगतान के लिए रीवा कलेक्टर के फर्जी पत्र का उपयोग
लोक निर्माण विभाग के द्वारा रोकी गई राशि के भुगतान के लिए संविदाकार द्वारा लोक निर्माण विभाग सतना के कार्यालय में रायल्टी चुकता संबंधी कलेक्टर कार्यालय खनिज शाखा रीवा का पत्र प्रस्तुत किया गया. उक्त पत्र लगभग 08-09 माह बाद तत्कालीन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सतना मनोज द्विवेदी द्वारा मार्क किया गया.
उक्त पत्र लोक निर्माण विभाग सतना के कार्यालय में आवक होना नहीं पाया गया. पत्र के आधार पर तथा लोक निर्माण विभाग सतना के लेखाधिकारी की टीप को नजरअंदाज कर कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी द्वारा संविदाकार को माइल स्टोन की रोकी गई राशि के भुगतान की अनुमति प्रदान की गई. कलेक्टर कार्यालय खनिज शाखा रीवा के जिस पत्र के आधार पर संविदाकार को माइल स्टोन की राशि का भुगतान किया गया है. जिस पत्र के आधार पर भुगतान किया गया, वह कलेक्टर कार्यालय खनिज शाखा रीवा से जारी नहीं किया गया था. यह चौंकाने वाला खुलासा RTI से प्राप्त जानकारी में हुआ.