Madhya Pradesh Anganwadi News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी शहर के वार्ड क्रमांक 37 में झींगुरा बस्ती की आंगनबाड़ी के हाल इतने बुरे और दयनीय हैं कि आप यहां आकर हैरान रह जाएंगे. आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Center) के चारों तरफ फैली गंदगी और दुर्गंध के बीच बच्चों को रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इतना ही नहीं इस आंगनवाड़ी में आने वाले बच्चे दुर्गंध और यहां मौजूद कीटाणुओं की वजह से अक्सर बीमार रहते हैं. इन बच्चों के माता-पिता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिक समेत सभी लोग नगर पालिका में गुहार लगा चुके हैं लेकिन हालात जस के तस हैं. शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है. आइए देखिए शिवपुरी से एनडीटीवी की एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट (NDTV Exclusive Ground Report)...
शिवपुरी शहर के नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 37 की इस इमारत में आंगनवाड़ी संचालित की जाती है. इस इमारत के पास में एक प्राथमिक विद्यालय है, जिसे झींगुरा प्राथमिक विद्यालय कहते हैं और आंगनबाड़ी का नाम भी झींगुरा आंगनवाड़ी केंद्र है. बेशक यहां पर इन बच्चों को यह पढ़ाया और समझाया जाता है कि कैसे साफ-स्वच्छ व स्वस्थ रहना है और आत्मनिर्भर बनने के लिए तैयार होना है. लेकिन यहां जमीनी स्तर पर ही इसका पालन नहीं हो रहा है. बच्चे इस आंगनवाड़ी में आकर स्वस्थ नहीं बल्कि बीमार हो जाते हैं.
शिवपुरी शहर के बीचों-बीच मौजूद इस आंगनबाड़ी केंद्र की दुर्दशा आप तस्वीरों में देख सकते हैं. आंगनवाड़ी के पास मौजूद इतनी सारी गंदगी न केवल बच्चों को परेशान कर रही है बल्कि दुर्गंध के बीच बच्चों को खेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यहां बच्चों को आंगनबाड़ी से स्वच्छता सीख की जगह बीमारी मिलती है और वह बार-बार बीमार होते हैं जिनका इलाज एक बार नहीं बार-बार कराना पड़ता है.
कौन है जिम्मेदार?
इस गंदगी के लिए कोई और नहीं बल्कि शिवपुरी शहर की नगरपालिका और नगर पालिका के अधिकारी, वार्ड पार्षद व स्वास्थ्य अधिकारी जिम्मेदार हैं. क्योंकि इस संबंध में न केवल इस क्षेत्र में रहने वाले बच्चों के माता-पिता बल्कि आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता, सहायिका और स्कूल में पढ़ने वाली शिक्षिका ने कई बार इसकी शिकायत की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. कभी-कभार साफ कराया भी जाता है तो बाद में फिर यहां की सुध लेना जिम्मेदार भूल जाते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना कि मरे हुए मवेशियों को भी यहां डंप करती है नगर पालिका
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां केवल गंदगी ही नहीं, बल्कि जो जानवर मर जाते हैं उनको भी नगर पालिका यहीं डालकर चली जाती है. जिसकी वजह से असहनीय दुर्गंध होती है. वहीं इन मरे हुए जानवरों पर पनपने वाले कीटाणु की वजह से बच्चों में बीमारी की समस्या लगातार सामने आती है.
नगर पालिका इस पर क्या कहती है?
नगर पालिका के वार्ड पार्षद और अधिकारियों के साथ ही नगर पालिका स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि कई बार इस इलाके को साफ कराया गया, लेकिन यहां के लोग ही गंदगी पैदा करते हैं और यहां कचरा गाड़ी आने के बावजूद भी कचरा जमा करने की उनकी आदत नहीं बदली. यही वजह है कि कहीं ना कहीं यहां से गंदगी पूरी तरह साफ नहीं होती.
यह भी पढ़ें : लाड़ली बहना योजना: विपक्ष ने BJP को घेरा, पटवारी ने छलावा कहा, तो उमंग ने पूछा कहां गई मोदी गारंटी?