Madhya Pradesh SIR Process: बिहार के बाद अब SIR (Summary Intensive Revision) मध्य प्रदेश में भी लागू हो गया है. इसके तहत आज से प्रदेशभर में मतदाता सूची के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान में बीएलओ घर-घर जाकर वोटर्स का सत्यापन करेंगे. मतदाता की गैरमौजूदगी में परिवार का सदस्य भी वेरिफिकेशन कर सकेगा. इस प्रक्रिया में डुप्लीकेट वोटर्स के नाम हटाए जाएंगे और छूटे हुए नाम जोड़े जाएंगे.
चुनाव आयोग के अनुसार, वेरिफिकेशन के दौरान 11 तरह के दस्तावेजों की जरूरत होगी. नई बहू और 18 वर्ष पूरे कर चुके युवा भी अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकेंगे. इस दौरान आपको हर जानकारी सही देनी है, अगर इसमें कोई चूक हुई या आपनेझूठी जानकारी दी तो एक साल की जेल हो सकती है या फिर जुर्माना भरना पड़ा सकता है.
आयोग के अनुसार, मतदाता ऑनलाइन माध्यम से भी अपने नाम और जानकारी का सत्यापन कर सकेंगे. वोटर लिस्ट का फाइनल प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा.
यह है चुनाव आयोग प्लान
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अुनसार, प्रिटिंग और ट्रेनिंग का काम शुरू हो गया है जो 3 नवंबर 2025 तक चलेगा। 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाई जाएगी.इसके बाद मतदाता सूची का ड्राफ्ट पेश किया जाएगा.
कौन-कौन से दस्तावेज हैं जरूरी?
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- जाति प्रमाण पत्र
- एनआरसी दस्तावेज
- शैक्षणिक प्रमाण पत्र
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- जमीन या मकान आवंटन प्रमाणपत्र
- फॉरेस्ट राइट सर्टिफिकेट
- फैमिली रजिस्टर (राज्य या स्थानीय निकाय द्वारा तैयार)
- सरकारी/स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी आदि द्वारा जारी प्रमाणपत्र
- केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी पेंशन पेमेंट ऑर्डर
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