
Madhya Pradesh News in Hindi: एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) जहां गरीब कमजोर वर्ग को सुविधा युक्त सरल इलाज देने का दावा करती है. वहीं, दूसरी तरफ जमीनी हकीकत प्रशासन के इन्हीं दावों की पोल खोलती नज़र आ रही हैं. मामला मध्य प्रदेश के अनूपपुर ज़िले का है. सरकार के सारे वादे जिला अस्पताल अनूपपुर में धूल चाटते नजर आ रहे है. गरीब यहां इलाज को तरस रहा है. जिला अस्पताल में इलाज के लिए डॉक्टर साफ मना करते नज़र आ रहे हैं. गरीब आदमी करे तो क्या करे...मजबूरी में प्राइवेट अस्पताल में महंगे इलाज करवाने को विवश है.
इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर मरीज...
दरअसल, ताजा मामला अनूपपुर जिले के अमलाई से सामने निकलकर आया है. यहां के बसंतपुर के रहने वाले जमुना प्रसाद का पैर टूट गया था. जमुना प्रसाद को अब सरकारी अस्पताल की लापरवाही का शिकार होना पड़ा रहा है. डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के नाम पर पहले एक सप्ताह तक मरीज को भर्ती रखा और जिस दिन आपरेशन की डेट आई तो जिला अस्पताल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ के बी प्रजापति ने ऑपरेशन करने से साफ मना कर दिया. डॉक्टर ने इस बात का हवाला देते हुए इलाज से इनकार किया कि ICU में व्यवस्था नहीं है.
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जनकारी के लिए बता दें कि अनूपपुर जिला अस्पताल अक्सर विवादो में बना रहता है. वहीं, मामले में परिजनों का आरोप है कि एक हफ्ते से मरीज को अस्पताल में एडमिट रखा गया. मरीज की इलाज के लिए परिजन हर दिन कुछ न कुछ सामान खरीदते रहे. अब मरीज को एक सप्ताह के बाद मेडिकल कॉलेज रिफर किया जा रहा. परिजनों का कहना है कि वो आर्थिक रूप से कमजोर है और घर चलाने वाला शख्स अब खुद मरीज बन गया है. जिला अस्पताल ने मरीज को ऑपरेशन के नाम पर धोखे में रखा गया. ऐसे में मरीज दर-दर भटकने को मजबूर है.
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