
MP Latest News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले में करीब 6 साल से अटका हुआ एक रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का काम अब जाकर शुरू हुआ है. NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाए जाने के बाद कंस्ट्रक्शन का काम फिर से चालू किया गया है. हम नाका चंद्रवदनी पर बन रहे रेलवे ओवरब्रिज की बात कर रहे हैं. दरअसल, NDTV ने बुधवार को इससे जुड़ी एक खास रिपोर्ट दिखाई थी. ग्वालियर का यह पुल बीरबल की खिचड़ी बन गया. इस ब्रिज को 2 साल में बनकर तैयार होना था. जो 6 सालों के बाद भी पूरा ही नहीं हुआ. आधे किलोमीटर के पुल लिए 6 साल का समय सुनने वाले भी हैरान रह जाते हैं.
'लेतलाली' के चलते 6 साल से नहीं पूरा नहीं हुआ काम
NDTV पर ख़बर चलते ही रेलवे प्रशासन फ़ौरन हरकत में आ गया. प्रशासन ने फटाफट ब्लॉक लेकर गार्डर चढ़ाने का काम शुरू कर दिया. खबर के मुताबिक, रेलवे के आला अधिकारियों के आदेश के बाद फटाफट से गार्डर प्लेसमेंट का काम किया गया. आनन फानन में दो गार्डर लांच लिए गए. एक गार्डर का वजन 36 टन हैं. इस पुल पर कुल सात गार्डर लांच किए जाने है. ब्रिज का काम चल रहा है तो आगे पीछे के स्टेशनों की ट्रेनों को भी रोककर रखा गया है...लेकिन ऐसे में सवाल यह है कि महज़ आधा किलोमीटर का पुल 6 साल में भी पूरा क्यों नहीं हो पाया? यदि ऐसे में रेलवे क्रासिंग पर कोई दुर्घटना होती है तो उसका कौन जिम्मेदार होगा?
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मालूम हो कि इस ROB को सरकार ने 2017 में मंजूरी दी थी. इस पुल को बनाने के काम साल 2019 में पूरा होना था. सरकार ने तब इसकी लागत लगभग 57 करोड़ रुपये तय की थी. बजट और तालमेल ठीक न होने की वजह से यह काम अटकता रहा. आधा काम पूरा हुआ तो रेल विभाग ने लेतलाली शुरू कर दी. नतीजतन महज आधे किलोमीटर का यह पुल छह साल तक बन ही नहीं सका. ब्रिज के न बन पाने से आस पास के लोगन को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं. इसकी वजह से सैकड़ों लोग रेलवे क्रॉसिंग पार करके अपने घर जाते है. सड़क पार करने के लिए लोगों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती हैं. रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय कई बार लोग ट्रेन से हादसे का भी शिकार हो चुके हैं. ऐसे में अब 6 साल बाद काम शुरू हुआ है तो लोगों को सहूलियत की आस नज़र आ रही है.