Madhya Pradesh News Aaj Ki: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि मप्र भू-राजस्व संहिता से जुड़े मामलों में बिना कोई स्पष्ट कारण बताए सहायक कमिश्नर अपील को निरस्त नहीं कर सकते है. संबंधित अधिकारियों के लिए यह बाध्यकारी है कि अपीलार्थी की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर विचार कर उनका निराकरण किया जाए. अदालत ने यह भी कहा कि कारण का उल्लेख किए बिना अधिकारी केवल यह कहकर अपील खारिज नहीं कर सकते कि एसडीओ का आदेश सही है.
इस मत के साथ जस्टिस जी एस अहलूवालिया की एकलपीठ ने डिफेंस वर्कर्स हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी की जमीन से जुड़े मामले में सहायक कमिश्नर जबलपुर और रेवेन्यू बोर्ड ग्वालियर के आदेश को निरस्त कर दिया. अदालत ने मामले को पुन: सुनवाई के लिए सहायक कमिश्नर को भेजने के निर्देश दिए. कोर्ट ने सभी पक्षों को 23 फरवरी को एडीशनल कमिश्नर के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए.
यह है मामला
डिफेंस वर्कर्स हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष एसडी चौबे ने यह याचिका दायर की थी, जिसमें सहायक कमिश्नर और रेवेन्यू बोर्ड के फैसलों को चुनौती दी गई थी. याचिका में बताया गया था कि एसपी गुप्ता ने तहसीलदार के सामने यह कहते हुए नामांतरण का आवेदन दिया था कि उसने ग्राम गोहलपुर के खसरा क्रमांक 12/64 में करीब 5 हजार वर्ग फीट जमीन एसएन राव से खरीदी है. तहसीलदार ने पहले नामांतरण कर दिया था, लेकिन बाद में उसे निरस्त कर दिया. कारण यह बताया कि उक्त जमीन डिफेंस वर्कर्स हाउसिंग सोसायटी के नाम दर्ज है. एसपी गुप्ता ने इसके खिलाफ एसडीएम के समक्ष आवेदन पेश किया. एसडीएम ने एसपी गुप्ता के पक्ष में फैसला किया और जमीन उसके नाम हो गई.
MP News: इंदौर में भी चल रहा था अवैध बाल गृह, प्रशासन ने सील कर 25 बच्चियों को दूसरी जगह किया शिफ्ट
कोर्ट ने सहायक कमिश्नर को किया तलब
डिफेंस सोसायटी ने एसडीएम के आदेश के खिलाफ सहायक कमिश्नर जबलपुर संभाग के समक्ष अपील पेश की. सहायक कमिश्नर ने एसडीएम के आदेश को सही ठहराते हुए अपील निरस्त कर दी. इसके बाद सोसायटी ने रेवेन्यू बोर्ड ग्वालियर के समक्ष अपील पेश की. रेवेन्यू बोर्ड ने भी एसडीएम के फैसले को सही बताते हुए अपील निरस्त कर दी. इसलिए सोसायटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपील पर दोबारा सुनवाई के लिए उसे सहायक कमिश्नर को रिमांड किया है. इस याचिका में डिफेंस वर्क्स हाउसिंग सोसाइटी की ओर से विपिन यादव अधिवक्ता ने पैरवी की.