
Gwalior Antibiotic Syrup Unsafe: मध्य प्रदेश में एक बार फिर मासूम बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है. ग्वालियर के जिला अस्पताल मुरार में बच्चों को दी जाने वाली एंटीबायोटिक सिरप में कीड़े निकले. कुछ समय पहले जहरीली कफ सिरप से छिंदवाड़ा और बैतूल में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी. ये मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि अब यह नया मामला सामने आ गया है.
मां ने बच्चे को पिलाने से पहले देखा सिरप
यह मामला मुरार के प्रसूति गृह अस्पताल का है. यहां एक महिला अपने बीमार बच्चे को डॉक्टर को दिखाने आई थी. जांच के बाद डॉक्टर ने बच्चे के लिए एजिथ्रोमाइसिन ओरल सस्पेंशन सिरप लिखी. महिला जब दवा वितरण केंद्र से सिरप लेकर घर जाने लगी और उसे बच्चे को पिलाने के लिए खोला, तो अंदर उसे काले रंग का कीड़े जैसा कुछ दिखाई दिया. घबराई हुई महिला तुरंत सिरप की शीशी लेकर अस्पताल पहुंची और सिविल सर्जन डॉ. आरके शर्मा को इसकी जानकारी दी.
ड्रग विभाग ने सिरप के लिए सैंपल
शिकायत मिलते ही खाद्य और औषधि विभाग (FDD) हरकत में आ गया. ड्रग इंस्पेक्टर अनुभूति शर्मा की अगुवाई में जांच टीम अस्पताल पहुंची. टीम ने दवा स्टोर से सिरप के सैंपल लिए और मौके पर ही एजिथ्रोमाइसिन सिरप के वितरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए. साथ ही जिन वितरण केंद्रों पर यह सिरप पहले ही भेजी जा चुकी थी, वहां से इसे रिकॉल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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अन्य दवाएं भी जांच के घेरे में
मामले की गंभीरता देखते हुए विभाग ने सिर्फ एजिथ्रोमाइसिन सिरप ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य बच्चों की दवाओं को भी जांच के दायरे में लिया है. शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि यह सिरप भोपाल स्थित सरकारी स्टोर से सप्लाई की गई थी. अब विभाग बैच नंबर के आधार पर जानकारी जुटा रहा है कि यह सिरप किन-किन जिलों में भेजी गई थी, ताकि वहां भी तुरंत रोक लगाई जा सके.
दोष साबित होने पर सख्त कार्रवाई
ड्रग इंस्पेक्टर अनुभूति शर्मा ने बताया कि सिरप के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं. यदि रिपोर्ट में अमानक या हानिकारक तत्व पाए जाते हैं, तो संबंधित कंपनी और सप्लायर के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि जांच पूरी होने तक इस सिरप का वितरण और उपयोग पूरी तरह रोक दिया जाए.
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