MP Wakf Board: मध्यप्रदेश सरकार वफ्फ बोर्ड की संपत्ति का फिजिकल वेरिफिकेशन करायेगी. इसके लिए सरकार ने सभी कलेक्टरों से जानकारी मांगी है. ऐसा कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश वफ्फ बोर्ड की 90% जमीन पर अवैध कब्जा है.
दरअसल, केंद्र सरकार ने वक्फ़ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए वक्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया है, वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिये हैं.
वफ्फ बोर्ड की 14986 संपत्ति पर अवैध कब्जा
मध्यप्रदेश में वफ्फ बोर्ड की 14986 संपत्ति हैं, वक्फ बोर्ड से जुड़े लोगों का आरोप है कि 90% संपत्ति पर अवैध कब्जा है. जो सम्पत्ति किराये पर ली गई हैं उसका किराया समय से नहीं मिलता. संयुक्त संसदीय समिति ने राज्य सरकार से 15 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी.
वफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल का कहना है कि JPC के निर्देशानुसार वफ्फ बोर्ड ने अपनी जानकारी अपलोड कर दी दी है. भौतिक सत्यापन होने से यह साफ हो जाएगा कि हमारी कितनी संपत्ति पर किराएदार हैं, कितने पर अवैध कब्जा है. इससे यह स्पष्ट होगा कि दानदाता ने जो सम्पत्ति भलाई के लिये दान में दी है हम उस हिसाब से काम कर पाएंगे. हमारी लगभग 90% संपत्ति पर अवैध कब्जा है.
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि यह चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश है. वहीं बीजेपी का कहना है सत्यापन जरूरी है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि यह एक राजनीतिक एजेंडा है न कि वफ्फ बिल वफ्फ के संरक्षण के लिए लाया जा रहा है. इसी तरह मध्यप्रदेश सरकार खुद आईना दिखा रही है. 20 साल से सरकार है 20 साल से वफ्फ की चिंता नही की. मैंने जेपीसी को पत्र लिखा है कि सभी प्रॉपर्टी का इतनी जल्दी फिजिकल वेरिफिकेशन कैसे हो जाएगा.
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि जो लोग विभाजन में संपत्ति छोड़कर चले गए वह वफ्फ की प्रॉपर्टी कैसे हो गई. देने वाला मौके पर है ही नही फिर भी. इसलिए वफ्फ की संपत्तियों का सत्यापन जरूरी है, मेरे विधानसभा में भी 1000 एकड़ की जमीन को वफ्फ ने अपना बता दिया है.
बहरहाल, वफ्फ की कई संपत्तियों को लेकर विवाद है, सरकार का मानना है भौतिक सत्यापन के बाद कुछ हद तक ये विवाद सुलझ जायेगा.
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