
Madhya Pradesh Budget 2025: हैलो भाइयों और बहनों ! मैं हूँ गौ माता, आपके आंगन की वही प्यारी गाय, जिसे आप हर सुबह रोटी खिलाते हैं. आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने आई हूँ, क्योंकि बजट में हमारा नाम आया है. लेकिन जरा ठहरिए, सिर्फ नाम आने से पेट नहीं भरता!
"अब हमें 20 नहीं 40 रुपये मिलेंगे!"
पहले सरकार हमें हर दिन खाने के लिए 20 रुपये देती थी, अब यह रकम बढ़ाकर 40 रुपये कर दी गई है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि पूरे मध्यप्रदेश में करीब 3.45 लाख गायें 2200 गौशालाओं में रह रही हैं. सरकार ने हमारे लिए 505 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. सुनकर अच्छा लगा, लेकिन क्या यह रकम सही समय पर मिलेगी?
"घास की कीमत, हमारी भूख और सरकारी देरी"
अब आप सोच रहे होंगे कि 40 रुपये मिलेंगे तो हम खूब खाएंगे, लेकिन ज़रा हकीकत सुनिए. महा मृत्युंजय गौसेवा सदन में 770 गायें हैं. वहां के संचालक बृजेश व्यास कहते हैं कि मांग तो सालों से थी, सरकार ने अब बढ़ाया, इसका हम स्वागत करते हैं हालांकि भूसा 700-800 रुपये क्विंटल मिल रहा है. ऊपर से सरकार की रकम 3-4 महीने की देरी से आती है. मार्च निकल गया, लेकिन अभी तक दिसंबर का पैसा नहीं मिला.

मध्यप्रदेश में गायों के लिए चारे का इंतजाम करता एक किसान. दरअसल सरकार गौशालाओं में गायों के चारे के लिए अब 40 रुपये प्रति गाय खर्च दे रही है, जबकि गौ पालकों का कहना है कि इस पर 60-70 रुपये खर्च होते हैं.
"धर्म-कर्म से चल रही गायें"
मैंने देखा है कि कई गौशालाओं में लोग आकर हमें चारा डालते हैं. कोई धर्म के नाम पर, कोई अपने ग्रह-दशा सुधारने के लिए. माँ गायत्री गौशाला में 140 गायें हैं। संचालक सुभाष शर्मा बताते हैं कि सरकार का पैसा 3-4 महीने देरी से आता है, कभी-कभी तो छह महीने भी लग जाते हैं.
"गौ माता की सियासत"
चुनाव के समय हमें बहुत याद किया जाता है. कांग्रेस ने गाय का गोबर खरीदने का वादा किया था, बीजेपी ने गौवंश विहार बनाने की बात कही थी.अब 40 रुपये की मदद तो बढ़ा दी, लेकिन इलाज की बात कोई नहीं कर रहा. गौ संवर्धन बोर्ड बना, गौ कैबिनेट बनी, लेकिन हमारी हालत वही की वही है.
"हमारे रखवाले भी परेशान"
महा मृत्युंजय गौशाला के गोविंद व्यास बताते हैं कि एक गाय का खर्च 60-70 रुपये है, जबकि सरकार 40 रुपये देने की बात कर रही है, वो भी महीनों की देरी से.
"हम दो तरह की गौशालाओं में रहते हैं"
- 618 निजी गौशालाएं, जहां 1.5 लाख गायें हैं.
- 1800 सरकारी गौशालाएं, जहां 2.8 लाख गायें हैं.
सरकार का दावा है कि 4 लाख से ज्यादा गायों के लिए हर दिन 20 रुपये देती है, लेकिन सच ये है कि वो पैसा हमें महीनों तक नहीं मिलता.तो भाइयों, अगर आपको मेरी भूख की चिंता है, तो सिर्फ बजट में नाम मत सुनिए, सरकार से कहिए कि समय पर पैसा दे.
ये भी पढ़ें: MP Budget 2025-26: कांग्रेस ने बजट को बताया छलावा, विपक्ष ने खुद को जंजीरों में जकड़ा; जानिए क्या बोले नेता