कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) में कामयाबी मिलने की कांग्रेस (Congress) की उम्मीदें उस समय धराशायी हो गईं जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन 21 सीटों में से 17 सीटें जीत लीं, जहां से राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ये यात्रा गुजरी थी.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत का श्रेय ‘भारत जोड़ो यात्रा' को दिया था
बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 163 सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया, जबकि कांग्रेस 66 सीटों पर हीं सिमट कर रह गई. हालांकि इसी साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली थी. जिसका श्रेय पीर्टी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा' को दिया था. ‘भारत जोड़ो यात्रा' जिन 20 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी थी, उनमें से 15 में कांग्रेस को जीत हासिल हुई. यात्रा कई दिनों तक मध्य प्रदेश और राजस्थान में रही थी, लेकिन इसका चुनावी असर ज्यादा नहीं हुआ.
चार सीटों पर सिमट गई कांग्रेस
बीजेपी ने 2018 में इनमें से 14 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस सात सीटों पर विजयी रही. इस बार 2023 के चुनाव में बीजेपी ने अपनी सीटों की संख्या बढ़ाकर 17 कर ली और कांग्रेस चार सीटों पर सिमट गई.
बीजेपी की अर्चना चिटनीस ने बुरहानपुर, मंजू दादू ने जिले की नेपानगर सीट से जीत हासिल की. बुरहानपुर सीट 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह शेरा ने जीती थी जो इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर असफल रहे.
कांग्रेस की सुमित्रा कास्डेकर ने 2018 में नेपानगर सीट जीती, लेकिन बाद में उन्होंने पाला बदल लिया और 2020 के उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनी गईं. बीजेपी ने यह सीट बरकरार रखी है. बीजेपी के नारायण पटेल और छाया मोरे भी क्रमश: मांधाता और पंधाना से जीते.
पंधाना सीट पर 2018 में भाजपा के राम दांगोरे ने जीत हासिल की थी, जबकि मांधाता सीट पर कांग्रेस के नारायण पटेल जीते थे. पटेल बाद में भाजपा में चले गए और 2020 में उपचुनाव जीते. उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी ने फिर से टिकट दिया.
इंदौर के आठ सीटों पर कांग्रेस का सफाया
‘भारत जोड़ो यात्रा' इंदौर जिले की सभी आठ सीटों पर पहुंची. यहां सभी आठ सीटों पर बीजेपी विजयी रही. बीजेपी की उषा ठाकुर और मधु वर्मा महू और राऊ सीट से जीतीं. इंदौर-1 सीट पर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को हराकर जीत हासिल की. बीजेपी के रमेश मेंदोला (इंदौर-2), गोलू शुक्ला (इंदौर-3), मालिनी गौड़ (इंदौर-4) और महेंद्र हार्डिया (इंदौर-5) भी जीते हैं. इसके अलावा साल 2020 में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए तुलसी सिलावट ने सांवेर सीट से जीत हासिल की.
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राजस्थान के आगर मालवा से गुजरीं थी यात्रा, यहां से बीजेपी ने दर्ज की जीत
पिछले साल चार दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करने से पहले ‘भारत जोड़ो यात्रा' आगर मालवा जिले की आगर मालवा और सुसनेर विधानसभा सीटों से गुजरी थी. आगर मालवा सीट पर बीजेपी के माधव सिंह ने जीत हासिल की, जबकि सुसनेर सीट पर कांग्रेस के भैरो सिंह को जीत मिली. बीजेपी ने 2018 में आगर मालवा विधानसभा सीट जीती, लेकिन 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस से हार गई, जहां मौजूदा विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था. सुसनेर विधानसभा सीट 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार विक्रम सिंह राणा ने जीती थी, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए.
उज्जैन में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत
बीजेपी के मोहन यादव और अनिल जैन उज्जैन दक्षिण और उज्जैन उत्तर सीट से जीत हासिल की. घट्टिया से बीजेपी के सतीश मालवीय और तराना सीट से कांग्रेस के महेश परमार विजयी हुए. महिदपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के दिनेश जैन जीते. बीजेपी ने 2018 में उज्जैन जिलों की पांच में से चार सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली.
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि इस साल मई में कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का कारण ‘भारत जोड़ो यात्रा' थी. दक्षिणी राज्य में पार्टी ने उन 20 विधानसभा सीटों में से 15 पर जीत हासिल की जहां से राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यात्रा गुजरी. इसके अलावा इस साल अक्टूबर में कांग्रेस ने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद करगिल के चुनाव में अपनी जीत का श्रेय यात्रा को दिया.
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