Madhya Pradesh News: एक तरफ शिवराज सरकार (Shivraj Government) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए तरह-तरह के वादे कर रही है. बच्चों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को भी पोषित आहार देने के भी खूब वादे किए जाते हैं. इन वादों को लेकर सरकार करोड़ो रुपये खर्च करने का दावा भी करती हैं. बच्चों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को भी पोषण आहार देने की कवायद तेज़ है. इसी कड़ी में आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बच्चों को पोषण आहार दिया जाने लगा. लेकिन प्रदेश के बैतूल ज़िले में बच्चों को पोषण आहार के नाम पर "एक्सपायर" फ़ूड दिया जा रहा है. इस बारे में जब विभाग से सवाल किया गया तो उन्हें इस बारे में कुछ पता ही नहीं था.
धड़ल्ले से आदिवासी बच्चों को दिया रहा 'एक्सपायर' आहार
बाल आहार प्रीमिक्स पोषण आहार कहा जाए या फिर "बाल आहार एक्सपायर पोषण" कहा जाए. दरअसल, बैतूल ज़िले में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण के नाम पर जो न्युट्रिशन दिया जा रहा वह एक्सपायर हो चुका है. इस आहार को इलाकों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को धड़ल्ले से बाटा जा रहा है. यह पोषण आहार ज़िले के महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से आंगनबाड़ी केंद्रों में परोसा जा रहा है. यह सिलसिला एक आंगनबाड़ी का नहीं है बल्कि कई केंद्रों में इसी तरह का रवैया जारी है.
महिला एवं बाल विकास विभाग से हुई बड़ी अनदेखी
बता दें कि आदिवासी बाहुल्य भीमपुर ब्लॉक के कई आंगनबाड़ी केंद्रों में एक्सपायर हो चुका आहार बांटा जा रहा है. यह पैकेट लगभग 14 दिनों से एक्सपायर हो चुके हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि बच्चों व गर्भवती महिलाओं के मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग से इतनी बड़ी अनदेखी कैसे हो सकती है? जब इसकी जानकारी हमने आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं से ली तो उनको इस बात की सुध ही नहीं कि यह पोषण आहार एक्सपायर भी हो चुका है. तो क्या बिना देखे ही वे लगातार बच्चों व महिलाओं को यह आहार बांट रहे थे.
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मामले का खुलासा होने पर कही जांच की बात
बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ सरकार सीधा-सीधा खिलवाड़ कर रही हैं. एक्सपायर हो चुके पोषण आहार खाने से बच्चों या गर्भवती महिलाओं में कुपोषण तो दूर नहीं होगा. वहीं, इसको खाने से फ़ूड पॉयजनिंग के साथ ही जानलेवा हालात जरूर बन जाएंगे. प्रदेश सरकार का कहना है कि इनकी मॉनिटरिंग के लिए सिस्टम सुचारु है लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही देखने को मिल रही है. इधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी ने रटा-रटाया जवाब देते हुए जांच के बाद कार्रवाई करने के बात कही है.
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