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पहले देते हैं कर्ज, फिर चालू होता है ‘खतरनाक खेल’! किस दलदल में फंस गए MP के आदिवासी?

Tribal Debt Trap: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आदिवासी समुदाय माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के जाल में फंसकर कर्जदार हो रहे हैं. ये कंपनियां लोक लुभावने वादे करके लोगों को लोन देती हैं, लेकिन बाद में अघोषित कटौती और उच्च ब्याज दरों के कारण लोग कर्ज के दलदल में फंस जाते हैं.

पहले देते हैं कर्ज, फिर चालू होता है ‘खतरनाक खेल’! किस दलदल में फंस गए MP के आदिवासी?

Madhya Pradesh News: रोजाना की गालियों और धमकियों से वे इतना तंग आ चुके हैं कि कोई घर छोड़ने के लिए मजबूर है, तो कोई दुनिया छोड़ने के लिए प्रयास कर रहा है.... यह हताशा और निराशा से भरी कहानी मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की है, जहां के आदिवासी ग्रामीण माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों के मकड़ जाल में बुरी तरह जकड़े जा चुके हैं. माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों के लोक लुभावने वादे ओर उसके बाद अघोषित कटौती से आदिवासी कर्ज़ के दल दल में फंसते चला रहा है. वहीं कर्ज़ वसूल करने वाले एजेंटो की गुंडागर्दी, बदसलूकी ओर धमकियों की वजह से ग्रामीण हारे हुए महसूस करने लगे हैं.  

जिला मुख्यालय से लगे जामठी ग्राम की महिलाएं इनसे छुटकारा पाने के लिए कलेक्टर को आवेदन-निवेदन कर चुकी हैं. जामठी ग्राम की मेहनत मजदूरी करने वाली शिवकली बाई, सविता बाई, सुनीता बाई हो या फिर कर्षनी बाई सबकी कहानी एक जैसी ही है. सभी ने अलग अलग माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों से लोन लिया था. इनका इरादा मेहनत-मजदूरी के साथ-साथ बकरी, मुर्गी पालन या अन्य छोटे-मोटे धंधे थे जो घर बैठे घर के अन्य सदस्य कर सके, लेकिन वे कर्ज़ के ऐसे दलदल में फंस गए हैं जंहा से उन्हें निकलने के लिए कोई राह दिखाई नहीं दे रही है. 

महिलाओं ने सुनाया अपना दुखड़ा

एक कंपनी से कर्ज लेने वाली शिवकली सरियाम ने बताया कि उन्होंने 40 हजार का लोन लिया था. अब उन पर इसको चुकाने का भारी दबाव है. आधा से ज्यादा चुका दिया है फिर भी परेशान करते हैं. एक महिला तो इस लोन से तंग आकर रेलवे लाइन में मरने के लिए गई थी. 

वहीं कर्षनी भलावी कहती हैं कि उन्होंने ने भी एक कंपनी से 40 हजार रुपये लोन लिए थे. उन लोगों ने साढ़े चार हजार रुपये पहले ही ले लिए थे, फिर पैसे आने के बाद 10 हजार रुपये ले लिए और किस्त भरने के बाद भी वे पैसे मांग रहे हैं. अब गाली देते हैं, धमकाते हैं. अब वे कहते हैं कि आप लोगों ने पैसे नहीं चुकाए.

क्या बोले प्रभारी मंत्री? 

इधर जिले के प्रभारी मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल कहते है कि माइक्रो फाइनेंस कम्पनियां शासन के नियमो के अधीन काम कर रही है तो वह निश्चित रूप से नियमो का पालन करे. हम यह सुनिश्चित करेंगे और कोई अवैधानिक रूप से ऐसा काम कर रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे. 

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