मंडला लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत डिंडोरी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में एक तरफ मतदान को लेकर लोगों के बीच काफी उत्साह देखने को मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिले के कई गांवों में चुनाव बहिष्कार की खबरें भी निकलकर सामने आई है. हालांकि चुनाव बहिष्कार वाले गांवों में अधिकारी ग्रामीणों को समझाइस कराने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
नर्मदा नदी को पार कर वोट डालने पहुंचे मतदाता
बता दें कि शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मोहगांव के मतदाता नर्मदा नदी को पार कर दो किलोमीटर पैदल चलकर वोट डालने सलैया मतदान केंद्र पहुंचे. मोहगांव समेत कई गांवों में मतदान को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला. जहां लोकतंत्र के महापर्व में आहूति देने के लिए मतदाता सुबह से ही मतदान करने घर से निकल पड़े हैं और मतदान केंद्रों में सुबह से ही मतदाताओं का हुजूम लगा हुआ है. दरअसल, मोहगांव में करीब तीन सौ मतदाता हैं, जिन्हें मतदान करने के लिए नर्मदा नदी को पार कर सलैया पोलिंग बूथ जाना पड़ता है. मोहगांव के ग्रामीण लंबे वक्त से नर्मदा नदी पर पुल बनाने की मांग भी करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार से लेकर अधिकारी तक किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली.
इन गांवों में चुनाव बहिष्कार
उमरिया, टिकरिया, सुनपुरी और लालपुर गांव में मूलभूत समस्या को लेकर मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार किया था, जिसके बाद अधिकारी इन गांवों में डटे हुए नजर आए. लालपुर गांव में स्कूल भवन, पुल निर्माण और सालों से बंद पड़ी नहरों को चालू करने की मांग को लेकर ग्रामीण लंबे समय से शिकायत कर रहे थे और कुछ दिनों पहले ही जिला निर्वाचन अधिकारी को चुनाव बहिष्कार करने का अल्टीमेटम भी दिया था. वहीं चुनाव का बहिष्कार की खबरों के बीच कलेक्टर खुद लालपुर गांव पहुंचे, लेकिन आज सुबह 8 बजे तक ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे.हालांकि अधिकारियों के समझाइस के बाद लालपुर गांव में मतदान शुरू हुआ.
मतदान केंद्र पर सुबह से पसरा सन्नाटा
वहीं सुनपुरी गांव में भी जलसंकट को लेकर ग्रामीण करीब एक हफ्ते से परेशान हैं और उन्होंने गांव में चुनाव बहिष्कार को लेकर बैनर पोस्टर भी लगा रखा था, लेकिन इसके बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया. दरअसल, सुनपुरी गांव में जल जीवन मिशन योजना में लाखों रुपये खर्च किये जा चुके हैं और दिखावे के लिये घरों में नलजल योजना के कनेक्शन भी दे दिए गए है, लेकिन नलजल योजना महीनों से बंद पड़ी हुई है. वहीं चुनाव बहिष्कार का अशर मतदान केंद्रों पर भी देखने को मिला. बता दें कि सुनपुरी मतदान केंद्र पर सुबह से ही सन्नाटा देखने को मिला और यहां सुबह दस बजे तक सिर्फ चार सरकारी कर्मचारियों ने ही मतदान किया है.
जलसंकट की वजह से नाराज ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार
इधर, टिकरिया और उमरिया गांव में सुबह दस बजे तक मतदान शुरू भी नहीं हो पाया है. टिकरिया में जलसंकट को लेकर ग्रामीण नाराज हैं और उन्होंने चुनाव बहिष्कार कर दिया. वहीं उमरिया गांव के ग्रामीण अंडई में प्रस्तावित खरमेर नदी पर बनने वाले बांध का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने लोकसभा चुनाव बहिष्कार कर दिया है. चुनाव बहिष्कार करने वाले गांवों मेंअधिकारी सुबह से ही डटे हुए हैं और लोगों को समझाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.
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