
IIT Indore: इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में विशेष ‘पोरस ऑर्गेनिक पॉलीमर' (पीओपी) की मदद से विकसित किया जा रहा ‘स्मार्ट ग्लास' खिड़कियों के इस्तेमाल का तरीका बदल कर पर्यावरण हितैषी इमारतों के निर्माण में मदद कर सकता है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि आईआईटी इंदौर के रसायन विज्ञान विभाग के अनुसंधानकर्ता डॉ. सायंतन सरकार ‘ट्रांसलेशनल रिसर्च फैलोशिप' (टीआरएफ) के तहत बिजली से चलने वाला 'स्मार्ट ग्लास' बनाने की परियोजना पर काम कर रहे हैं. इस परियोजना को रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर सुमन मुखोपाध्याय और भौतिकी विभाग के प्रोफेसर राजेश कुमार के मार्गदर्शन में आगे बढ़ाया जा रहा है.
कैसे काम करता है सिस्टम?
अधिकारियों ने बताया कि यह 'स्मार्ट ग्लास' नये विकसित ‘वायलोजन' पर आधारित पीओपी की मदद से तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 'स्मार्ट ग्लास' अपने माध्यम से गुजरने वाले सूर्य के प्रकाश और ऊष्मा की मात्रा नियंत्रित कर सकता है.
अधिकारियों ने बताया कि यह 'स्मार्ट ग्लास' एयर कंडीशनर और बिजली से चलने वाले प्रकाश उपकरणों की जरूरत घटाकर ऊर्जा बचाने में भी मदद करता है जिससे कार्बन उत्सर्जन में जाहिर तौर पर कटौती होगी.
उन्होंने बताया, 'इस ‘स्मार्ट ग्लास' को कमरों के परदों की जगह लगाया जा सकता है और भविष्य में यह खिड़की की पारंपरिक प्रणालियों की जगह ले सकता है. इससे पर्यावरण हितैषी भवन बनाने में मदद मिल सकती है.'' अधिकारियों ने बताया कि इस 'स्मार्ट ग्लास' के बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक उत्पादन के वास्ते उद्योग जगत के भागीदारों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.
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