Land Pooling Law Ujjain: मध्यप्रदेश के उज्जैन में लैंड पुलिंग कानून के तहत सिंहस्थ के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच बड़ी खबर सामने आई हैं. एक तरफ जहां भारतीय किसान संघ लैंड पुलिंग के नुकसान बताते हुए कानून हटाने के लिए अड़ा हुआ है. दूसरी ओर दर्जनों किसान लैंड पुलिंग कानून के फायदे बताकर सरकार को जमीन देने को तैयार नजर आ रहे है. प्रदेश सरकार ने सरकारी योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण करने हेतु लैंड पुलिंग का कानून बनाया. इसी के तहत सिंहस्थ के लिए 17 गावों की 2378 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर आध्यात्मिक सिटी बनाना तय किया था. लेकिन भारतीय किसान संगठन इसे किसान विरोधी बताते हुए पिछले सात माह से आंदोलन कर रहा है, जिसे देखते हुए कलेक्टर रोशन सिंह किसान की बिना सहमति जमीन नहीं लेने का वादा कर चुके है. बावजूद संघ तुरंत कानून वापस लेने की मांग करते हुए बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहा है.
किसान संघ के दावे पर सवाल
भारतीय किसान संघ के विरोध के बीच मोहनपुरा और खिलचीपुर के 53 किसानो ने लैंड पुलिंग के फायदे बताते हुए जमीन देने की सहमति दे दी. कुछ अन्य किसान भी लैंड पुलिंग से सहमत नजर आ रहे, लेकिन संघ के दबाव में खुलकर नहीं बोल पा रहे. वहीं स्थानीय अखाड़ा परिषद भी लैंड पुलिंग का पक्ष लेकर प्रशासन से जल्द सिंहस्थ के काम शूरू करने की मांग कर रहा है. साधू संत और दर्जनों किसानों के इस फैसले के बाद संघ के विरोध सवालों के घेरे में नजर आ रहा है.
लैंड पुलिंग पर क्या बोले किसान?
महेश आंजना खिलचीपुर ने कहा 450 बीघा में से 225 बीघा योजना में शामिल; सरकार जबरदस्ती नहीं कर रही, मुआवजा भी दे रही है; किसानों को लाभ होगा. राजाराम आंजना ने कहा कि लैंड पुलिंग योजना अच्छी पहल ओर किसानों के हित में है. जितेंद्र पटेल खिलचीपुर ने कहा पहले क्षेत्र में निर्माण संभव नहीं था, अब 25% जमीन पर पक्का निर्माण संभव; किसान हितैषी योजना. वहीं अनिल पटेल मोहनपुरा ने कहा सिंहस्थ क्षेत्र में ली गई जमीन यात्रियों की सुविधा के लिए अधिग्रहण जरूरी, योजना से किसानों को लाभ होगा इसलिए सहमति दी. मोहनपुरा निवासी महामंडलेश्वर प्रेमानंद पूरी ने कहा लैंड पुलिंग योजना अच्छी है. वहीं प्रशासन किसानों से उनकी बिना सहमति के जमीन नहीं ले रहा. इसलिए मुद्दा खत्म हो गया.
भारतीय किसान संघ का आंदोलन
- 12 फरवरी – तहसील स्तर पर प्रदर्शन, तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया.
- 16 सितंबर – 2000 ट्रैक्टरों की रैली, राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र की उपस्थिति, रैली चिमनगंज मंडी से शुरू होकर जिला कार्यालय तक पहुँची.
- 4 अक्टूबर – मातृशक्ति द्वारा सद्बुद्धि यज्ञ, 500 महिलाओं की आहुति, बाबा महाकाल को ज्ञापन सौंपा गया.
- 10 नवंबर – ढोल-नगाड़ों के साथ विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन विधायक व सांसद अनिल फिरोजिया को सौंपा गया, मुख्यमंत्री कार्यालय पर ज्ञापन चस्पा किया गया.
अब आगे
कलेक्टर द्वारा बिना अनुमति जमीन अधिग्रहित नहीं करने के वादे के बावजूद किसान संघ का आंदोलन जारी है. संघ ने 18 नवंबर से पहले लैंड पुलिंग कानून वापस नहीं लेने पर घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत संघ सैकड़ों किसानों के साथ कलेक्ट्रेट घेरकर वहीं रहने खाने पीने की तैयारी कर रहा है.
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