Land Pooling Act Protest: मध्य प्रदेश के उज्जैन में लैंड पुलिंग एक्ट के विरोध में एक बार फिर किसान बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. इसी के चलते रविवार को भारतीय किसान संघ ने प्रांतीय स्तर की बैठक कर 26 दिसंबर से 'घेरा डालो, डेरा डालो' आंदोलन की घोषणा कर दी. चेतावनी दी कि एक्ट वापस नहीं होने पर किसान अब किसी की बात नहीं मानेंगे.
भारतीय किसान संघ ने लैंड पुलिंग के विरोध में फिर आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी. इसके चलते पहले लैंड पुलिंग से प्रभावित 17 गांव में किसानों ने खेतों में भगवा रंग के झंडे लगाए. रविवार को आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए चिंतामण रोड पर संघ ने बैठक की. इसमें संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह अंजना, लक्ष्मीनारायण पटेल, रमेश डांगी,अतुल माहेश्वरी, भारतसिह बैंस सहित 18 जिलों के 217 पदाधिकारी शामिल हुए. करीब 3 घंटे चली बैठक में 26 दिसंबर से प्रशासनिक संकुल भवन पर अनिश्चित कालीन घेरा डालो आंदोलन करना तय किया.
अब आंदोलन क्यों?
प्रदेश सरकार ने लैंड पुलिंग एक्ट बनाकर सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई निर्माण के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित करने की योजना बनाई थी. भारतीय किसान संघ ने इसके विरोध में लगातार आंदोलन के बाद 18 नवंबर से प्रशासनिक भवन पर 'घेरा डालो, डेरा डालो' आंदोलन की घोषणा की थी. लेकिन 17 नवंबर को सरकार ने किसानों से बात कर लैंड पूलिंग एक्ट निरस्त की घोषणा की तो किसानों ने रद्द कर दिया. लेकिन 19 नवंबर को सरकार ने लैंड पुलिंग निरस्त की जगह संशोधन आदेश जारी कर दिया. एक्ट को वापसी के बजाय संशोधन से किसान भड़क गए और फिर आंदोलन की तैयारी कर ली.
किसान संघ की मांग
भारतीय किसान संघ प्रदेश अध्यक्ष कमल आंजना ने कहा कि सरकार ने वादा खिलाफी की. इसलिए अब लैंड पूलिंग एक्ट का गजट नोटिफिकेशन रद्द करने ओर सिंहस्थ पूर्व की तरह करने की घोषणा तक आंदोलन जारी रहेगा. हम छह माह की तैयारी कर घेरा डालो आंदोलन करेंगे. इसके चलते प्रशासनिक भवन पर ही रहना, खाना, पीना और नित्य कर्म किए जाएंगे. साथ ही अन्य जिलों में भी आंदोलन पर विचार करेंगे.
ये भी पढ़ें- दूषित खाने से हुई 4 मौतें! खजुराहो के होटल का लाइसेंस सस्पेंड, SDM ने कहा- अभी और कार्रवाई होगी
क्या है लैंड पुलिंग एक्ट?
प्रदेश सरकार ने सरकारी योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण करने के लिए लैंड पुलिंग का कानून बनाया. इसी के तहत सिंहस्थ के लिए 17 गावों की 3370 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर आध्यात्मिक सिटी बनाना तय किया था. भारतीय किसान संगठन इसे किसान विरोधी बताते हुए फरवरी माह से आंदोलन कर रहा था. इस पर केंद्र सरकार ने किसानों से बात करने के निर्देश दिए तो सीएम मोहन यादव ने 17 नवंबर को किसानों की बैठक बुलाई थी.
किसान संघ ने ये रखी थी मांग
- सिंहस्थ क्षेत्र में लैंड पुलिंग एक्ट समाप्त हो .
- उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र से नगर विकास योजना (TDS 8,9,10,11) लैंड पुलिंग एक्ट का गजट नोटिफिकेशन रद्द किया जाए व पूर्व की तरह सिंहस्थ आयोजित किया जाए.
- सिंहस्थ क्षेत्र में कोई भी स्थाई निर्माण न हो.
ये भी पढ़ें- पुलिसकर्मी की तत्परता और सूझबूझ से एक युवक की बच गई जान, हार्ट अटैक के बाद ऐसे की मदद
लैंड पुलिंग के विरोध में अबतक...
- 12 फरवरी – तहसील स्तर पर प्रदर्शन, तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा
- 16 सितंबर – 2000 ट्रैक्टरों की रैली, राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र की उपस्थिति, रैली चिमनगंज मंडी से शुरू होकर जिला कार्यालय तक पहुंची.
- 4 अक्टूबर – मातृशक्ति द्वारा सद्बुद्धि यज्ञ, 500 महिलाओं की आहुति, बाबा महाकाल को ज्ञापन सौंपा गया.
- 10 नवंबर – ढोल-नगाड़ों के साथ विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन विधायक व सांसद अनिल फिरोजिया को सौंपा गया, मुख्यमंत्री कार्यालय पर ज्ञापन चस्पा किया गया.
- 17 नवंबर- किसान संघ से सीएम मोहन यादव ने चर्चा कर कानून वापसी की घोषणा की.
- 19 नवंबर- सरकार ने कानून में संशोधन का आदेश जारी कर दिया.
- 14 नवंबर को बैठक कर फिर आंदोलन की घोषणा