
Indore Farmers Tractor Rally: इंदौर और उज्जैन जिले के किसानों ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया. किसान हाथोद से लेकर इंदौर की ओर 1000 से भी ज्यादा ट्रैक्टरों के साथ रवाना हुए. किसानों का यह काफिला जैसे-जैसे बढ़ता गया, रास्ते भर लोगों की नजरें इस रैली पर टिकी रहीं. लेकिन प्रशासन ने इस रैली को नूरानी चौराहे पर ही रोक दिया.
सड़कों पर क्यों उतरे किसान?
किसानों की यह रैली सिर्फ प्रदर्शन नहीं, बल्कि अपनी जमीन और हक की लड़ाई थी. उनका कहना है कि सरकार को ग्रीनफील्ड कॉरिडोर प्रोजेक्ट को रद्द करना चाहिए, क्योंकि इससे किसानों की उपजाऊ जमीन पर सीधा असर पड़ेगा. साथ ही, उन्होंने सोयाबीन की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने और मुआवजा दर बढ़ाने की भी मांग की. किसानों का कहना है कि सरकार का मुआवजा प्रस्ताव बाजार मूल्य से काफी कम है.
रैली का रूट और प्रशासन की रोक
यह ट्रैक्टर रैली हाथोद से शुरू होकर गांधीनगर, सुपर कॉरिडोर चौराहा और नावदा पंथ मार्ग से होते हुए सिरपुर तालाब पार्क तक पहुंची. किसानों की योजना इसे इंदौर शहर तक ले जाने की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें सिरपुर तालाब पार्क पर ही रोक दिया. इसके बाद किसान यहीं धरने पर बैठ गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
ये भी पढ़ें- 20 मौत के बाद जागा प्रशासन, एक दिन में 50 मेडिकल स्टोर्स पर की छानबीन, जानें- क्या मिला?
ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट से किसानों को नुकसान
किसानों का आरोप है कि इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर परियोजना से सांवेर और हाथोद तहसील के करीब 20 गांव और उज्जैन जिले के 8 गांव प्रभावित होंगे. इस परियोजना के लिए लगभग 188 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन अधिग्रहित की जा रही है. कई किसानों की जमीनों के बीच से सड़क गुजरेगी, जिससे आगे चलकर खेती करना मुश्किल हो जाएगा. किसानों ने कहा कि सरकार ने उनकी बात सुने बिना यह योजना लागू कर दी.
किसानों का साफ संदेश
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि वे किसी भी हालत में अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे. उनका कहना है कि जब तक सरकार उचित मुआवजा और वैकल्पिक व्यवस्था नहीं देती, वे आंदोलन जारी रखेंगे. किसानों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो वे इंदौर की सड़कों पर बड़े पैमाने पर उतरेंगे.