Madhya Pradesh News: पहले भारत को पुरुष प्रधान देश कहा जाता था. लेकिन अब इसकी तस्वीर बदलने लगी है. बेटियां ना सिर्फ पढ़ाई-लिखाई में बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी अपनी हिस्सेदारी जताने लगी है. अब शादी जैसे अहम मुद्दे पर भी दूल्हे की नहीं बल्कि दुल्हन की चलती है. ऐसा ही एक मामला खंडवा में सामने आया है. जहां दूल्हे की जगह दुल्हन सज-धज कर घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के घर बारात लेकर पहुंच गई. पूरा मामला खंडवा के समीप आठ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम सुरगाव जोशी का है.
सपना पूरा किया
किसान नानाजी चौधरी ने अपनी बेटी की शादी में उसे पहले तो घोड़ी पर चढ़ाया.जिसके बाद अब लड़की वाले अपने अरमान पूरा करते हुए शादी के कार्यक्रम स्थल तक नाचते-गाते पहुंचे. वहीं गांव वालों के अनुसार उन्होंने अपनी बेटी को बचपन से ही बेटा समझ कर बड़ा किया था.
उनकी इस अनोखी शादी को देखने के लिए कई गांव के लोग भी पहुंचे थे,क्योंकि अमूमन गांवों की यह प्रथा है कि लड़का ही घोड़ी चढ़ता है.लेकिन यहां तो एक पिता ने बेटी को घोड़ी चढ़ाकर अपना सपना पूरा किया है.
घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के घर जाने वाली दुल्हन भाग्यश्री चौधरी की शादी खंडवा के अजय जिराती के साथ हुई है, जोकि निजी बैंक में कार्यरत हैं .
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दोनों होते हैं एक बराबर
वहीं इस अनोखे विवाह को लेकर दुल्हन के भाई रविन्द्र चौधरी ने बताया कि अमूमन हमारे समाज में दुल्हन को घोड़ी पर नहीं चढ़ाया जाता है. यहां सिर्फ दूल्हे ही घोड़ी चढ़ते हैं, लेकिन हम लोगों ने एक बेटे की तरह बेटी को पाला है, वह हमारे परिवार की लाडली थी. उसकी भी इच्छा थी कि एक लड़के की तरह वह भी घोड़ी पर बैठकर जाए .
रविन्द्र पेशे ने एक निजी बैंक में क्रेडिट मैनेजर हैं.उनकी माता छमा चौधरी जोकि उसी गांव की बेटी भी हैं और उसी गांव की बहु भी हैं, वह घर को संभालती हैं और पिता किसान हैं .
हर कोई चौंक गया
वहीं इन अनोखी शादी को लेकर दुल्हन भाग्यश्री ने बताया की उनके पापा का सपना था कि वे घोड़ी पर बैठकर जाए. इसमें उनके परिवार और उनके माता-पिता ने पूरा सहयोग किया. विवाह के दौरान वे करीब एक घंटे तक घोड़ी पर बैठीं और यह उन्हें बहुत ही अच्छा लगा. इस दौरान दुल्हन को घोड़ी पर बैठे देख हर कोई चौंक गया.
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