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Glass Bridge: पन्ना में इस कुंड पर बनेगा बुंदेलखंड का पहला ग्लास ब्रिज, ये ट्रिप अब और भी होगी यादगार

Glass Bridge In panna: मध्य प्रदेश के पन्ना में बुंदेलखंड का पहला ग्लास ब्रिज बनेगा. बृहस्पति कुंड पर ग्लास ब्रिज बनाने का काम जल्द शुरू होगा. इस ब्रिज की खास बात ये है कि 11 मीटर हिस्सा इसका हवा में लटकेगा. इस ब्रिज के बाद खजुराहो आने वालों कि ट्रिप और भी यादगार बनेगी.

Glass Bridge: पन्ना में इस कुंड पर बनेगा बुंदेलखंड का पहला ग्लास ब्रिज, ये ट्रिप अब और भी होगी यादगार
बुंदेलखंड के बृहस्पति कुंड पर बनेगा ग्लास ब्रिज, इसका 11 मीटर का हिस्सा हवा में लटकेगा.

Bundelkhand First Glass Bridge: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खजुराहो (Khajuraho) में घूमने आने वालों के लिए यहां अब एक अलग ही नजारा देखने को मिलेगा. जैसे विदेशों में हवा में ग्लास पर चलने का नजारा दिखता है, ठीक उसी प्रकार अब बुंदेलखंड में भी यही नजारा देखने को मिलेगा. बुंदेलखंड में पहला ग्लास ब्रिज पन्ना (Glass Bridge Panna) जिले के बृहस्पति कुंड पर बनाया जाएगा. ब्रिज का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा. 28 मीटर लंबे इस ब्रिज का 11 मीटर हिस्सा हवा में लटकेगा.

ब्रिज में लगने वाले ग्लास की मोटाई 36 मिमी होगी. ब्रिज का निर्माण टफन ग्लास और स्टील से किया जाएगा. यह ब्रिज एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा. बृहस्पति कुंड पर ग्लास ब्रिज का निर्माण मप्र पर्यटन विभाग की ओर से किया जा रहा है.

सैंपल जांच के लिए नागपुर लैब भेजे जा रहे

इसके लिए विभाग ने निर्माण का ठेका एएस पैरामाउंट इंजीनियर नाम की कंपनी को दिया है. कंपनी ने काम शुरू कर दिया. अभी ब्रिज बनाने के लिए खुदाई का काम जारी है, मिट्टी की अलग-अलग परतों के सैंपल जांच के लिए नागपुर लैब भेजे जा रहे हैं. जांच के अनुसार आगे निर्माण में सामग्री का उपयोग किया जाएगा.

 सीमित संख्या में पर्यटकों को भेजा जाएगा

कंपनी ने बताया कि ग्लास ब्रिज के ऊपर सीमित संख्या में पर्यटकों को भेजा जाएगा. पर्यटकों को पहले वेटिंग एरिया में रोका जाएगा. इसके बाद क्रमशः एक-एक करके पर्यटकों को सीमित संख्या में ब्रिज पर भेजा जाएगा. पर्यटक जूते और चपल पहनकर ब्रिज पर नहीं जा सकेंगे.

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सेल्फी प्वाइंट का भी किया जा रहा निर्माण

बृहस्पति कुंड का पौराणिक महत्व भी है. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्राचीन शैल चित्रकला के प्रमाण पत्थरों पर मिले हैं. बृहस्पति कुंड तक पहुंचने के लिए गुफानुमा पहाड़ी रास्तों से जाना पड़ता है, रास्ते में गुफा की अंदरूनी दीवारों पर शिकारी और जनजातीय लोग और मानवीय गतिविधियों को दर्शाते हैं. पुरातत्व विभाग भी यहां पर कई विकास कार्य करा रहा है. सड़क निर्माण के साथ सेल्फी प्वाइंट का भी निर्माण किया जा रहा है.

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