Ken Betwa Link Project in Hindi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 25 दिसंबर को खजुराहो (Khajuraho) में देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना "केन-बेतवा लिंक परियोजना" (Ken Betwa Link Project ) का उद्घाटन करेंगे. इस ऐतिहासिक पहल को दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के सपनों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है. इस परियोजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश (Madhya Pradesjh) और बुंदेलखंड (Bundelkhand) क्षेत्र में जल संकट को समाप्त करना है.
इसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को इसकी घोषणा की. उन्होंने इसकी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना से बुंदेलखंड की पानी की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी. इसस लगभग 20 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई की सुविधा और बुंदेलखंड क्षेत्र को पर्याप्त जल आपूर्ति हो सकेगी. उन्होंने बताया कि 25 दिसंबर 2024 को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे.
शिवराज ने परियोजना को सराहा
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह परियोजना देश की जल समस्या को सुलझाने और किसानों को राहत देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है. अटल जी ने इस परियोजना का सपना देखा था और अब इसे साकार होते देखना गर्व की बात है. 25 दिसंबर का दिन भारतीय इतिहास में जल प्रबंधन के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
खजुराहो में उद्घाटन की भव्य तैयारियां
प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए खजुराहो को विशेष रूप से सजाया जा रहा है. एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक फूलों और गुलदस्तों से सजा मार्ग तैयार किया गया है. पीएम की सुरक्षा के लिए खजुराहो में 2000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. एसपीजी और पुलिस बल पहले से ही व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं. 2500 बसों और 2000 से अधिक चार पहिया वाहनों का इंतजाम हितग्राहियों को स्थल तक पहुंचाने के लिए किया गया है.
बुंदेलखंड के विकास का नया युग
सरकार की ओर से ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी. यह क्षेत्र, जो लंबे समय से जल संकट और सूखे से जूझ रहा है, अब अपनी भूमि को सिंचाई और जल की पर्याप्त आपूर्ति के जरिए कृषि उत्पादन में सुधार कर पाएगा.
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ऐसा माना जाता है कि यह परियोजना न केवल जल संकट को हल करने में सहायक होगी, बल्कि यह अन्य नदी जोड़ो परियोजनाओं के लिए भी मार्गदर्शक साबित होगी. इसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित उपयोग के जरिए देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच विकास का समन्वय बनाना है.
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