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हरदा में शांति! करणी सेना प्रमुख शर्तों पर रिहा, जीतू पटवारी ने इन सवालों के साथ सरकार पर बोला हमला

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में करणी सेना के प्रदर्शन के बाद हुए लाठीचार्ज और गिरफ्तारियों का मामला अब शांत होता नजर आ रहा है. करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर को सोमवार सुबह सशर्त रिहा कर दिया गया है.

हरदा में शांति! करणी सेना प्रमुख शर्तों पर रिहा, जीतू पटवारी ने इन सवालों के साथ सरकार पर बोला हमला

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में दो दिन से हो रहा बवाल अब थमता नजर आ रहा है. बता दें कि करणी सेना (Karni Sena) के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर को सोमवार सुबह सशर्त रहा कर दिया गया है. उनकी रिहाई गुपचुप तरीके से हुई है. प्रशासन ने उन्हें हरदा जिले की सीमा से बाहर ले जाकर छोड़ा है. इसके बाद जीवन सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव आकर बताया कि उन्हें और नेपाल सिंह, बुंदेला सिंह सहित एक अन्य साथी को सोमवार सुबह रिहा किया गया है, लेकिन 54 लोग सुनील सिंह के साथ अभी भी जेल में हैं.

उन्हें भी धीरे-धीरे रिहा किया जाएगा. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर वीडियो जारी कर कहा है कि यह लड़ाई प्रशासनिक स्तर पर लड़ी जाएगी. सभी साथियों की रिहाई के बाद मीटिंग कर एक तारीख निश्चित कर आगे की लड़ाई शांतिपूर्वक लोकतांत्रिक तरीके से लड़ी जाएगी.

जीतू पटवारी ने पूछे ये सवाल

इधर कांग्रेस भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Congress State President Jitu Patwari) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर सरकार से कई सवाल पूछे हैं. जीतू ने अपनी पोस्ट में लिखा, "हरदा में करणी सेना पर हुए बर्बर लाठीचार्ज को आपसी लेनदेन का मामला बताकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अब पूरे राजपूत समाज का अपमान कर रहे हैं."

उन्होंने आगे लिखा, क्या सम्मान और अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना भाजपा सरकार में गुनाह हो गया है? सच और न्याय की बात करना अपराध की श्रेणी में आ गया है?

लगाए ये आरोप

जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि दो दिन में तीन बार लाठीचार्ज की गई. आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का प्रयोग किया गया. 60 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं. करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जेल में डाला और और ऊपर से संवेदनहीन बयानबाजी की जा रही है.

सीएम डॉ मोहन यादव को समझना ही होगा कि यह कोई सामान्य विवाद नहीं, यह उस सत्ता की तस्वीर है जो जनता की आवाज को लाठियों से कुचलने में विश्वास रखती है. क्योंकि, भाजपा का "सुशासन मॉडल" यही है.

जीतू पटवारी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से पूछे ये सवाल

  • अगर यह केवल "लेनदेन" का मामला था, तो 60 गिरफ्तारियां क्यों हुईं?
  • अगर मामला निजी था, तो छह जिलों की पुलिस क्यों तैनात करनी पड़ी?
  • यदि कांग्रेस की साजिश थी, तो BJP नेता पुलिस कार्रवाई का विरोध क्यों कर रहे हैं?
  • यदि सरकार संवेदनशील है, तो अब तक हरदा DM/SP को हटाया क्यों नहीं गया?

पटवारी ने कहा कि सच्चाई यह है कि भाजपा शांति की दुहाई देकर बर्बरता को ढकना चाहती है, लेकिन प्रदेश की जनता सबकुछ देख रही है. मैं फिर दोहरा रहा हूं- कांग्रेस राजपूत समाज के साथ हुई अन्यायपूर्ण कार्रवाई की निंदा करती है. गिरफ्तार नेताओं को सम्मानपूर्वक रिहा करने की मांग करती है. हरदा में शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएं और इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए.

इधर, मामले पर नजर डालें तो इसकी शुरुआत शनिवार दोपहर से हुई थी. उस दिन हरदा में करणी सेना अध्यक्ष सुनील राजपूत ने थाना कोतवाली का घेराव किया था. इसको लेकर पुलिस ने लाठीचार्ज कर अध्यक्ष सहित पांच करणी सैनिकों को गिरफ्तार किया. उनकी  रिहाई को लेकर खंडवा बाईपास हाईवे पर करणी सैनिक धरने पर बैठे गए थे.

इसके बाद रविवार को करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर जब हरदा धरना स्थल पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि पुलिस ने उनपर भी लाठियां बरसाई थीं. वहीं, रविवार को ही हरदा के राजपूत छात्रावास में बड़ी संख्या में मौजूद राजपूत समाज के लोगों को पुलिस ने बलपूर्वक बाहर निकाला. इस तरह पुलिस पर तीन बार लाठीचार्ज करने के आरोप लगे हैं.

फिलहाल इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में करणी सैनिक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इस मामले में प्रशासन का रुख नरम पड़ता दिखाई दे रहा है. करणी सेना के प्रमुख जीवन सिंह सहित अन्य लोग सोमवार सुबह सशर्त जेल से रिहा किए गए. बाकी लोगों को भी धीरे-धीरे रिहा किया जा रहा है.

धारा 163 लागू

बता दें कि इस मामले को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को वॉटर कैनन और आंसू गैस का सहारा भी लेना पड़ा था. फिलहाल हरदा सहित खंडवा, बैतूल, नर्मदापुरम के पुलिस बल के साथ ही अन्य सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है. वहीं, हरदा कलेक्टर के आदेश पर जिले में धारा 163 धारा लागू की है, जो कब भी प्रभावशाली है. जिले की सीमाओं को भी सील कर हर आने जाने वालों पर नजर बनाए रखी गई है. फिलहाल हरदा का माहौल शांत होता नजर आ रहा है.
 

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