
Jyotiraditya Scindia in Chanderi: अशोकनगर जिले के चंदेरी में रविवार का दिन बुनकरों के लिए खास रहा. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने जिले के दौरे के तीसरे दिन पर्यटन नगरी चंदेरी पहुंचे. यहां उन्होंने न सिर्फ लोगों की समस्याएं सुनीं बल्कि बुनकरों के बीच जाकर उनके काम और कला की बारीकियों को भी समझा.
सिंधिया सुबह सबसे पहले किला कोठी पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय नागरिकों की शिकायतें और समस्याएं सुनीं. इसके बाद वे हैंडलूम पार्क पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में बुनकर मौजूद थे. मंत्री ने यहां बुनकरों से उनके कामकाज, बाजार की स्थिति और सरकारी योजनाओं के लाभ को लेकर विस्तार से चर्चा की.
देखी चंदेरी साड़ी की बारीकी
चंदेरी अपनी पारंपरिक और खूबसूरत साड़ियों के लिए देशभर में मशहूर है. सिंधिया ने यहां साड़ी बुनने वाले कारीगरों से उनकी कला के बारे में जानकारी ली. उन्होंने बारीकी से देखा कि किस तरह महीन धागों से शानदार डिजाइन तैयार की जाती है. इस दौरान मंत्री खुद भी चरखा चलाते नजर आए, जिसे देखकर बुनकरों में खुशी की लहर दौड़ गई.
बेहतर व्यवस्थाओं पर हुई बैठक
सिर्फ निरीक्षण तक सीमित न रहते हुए, केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की. इस बैठक में चर्चा हुई कि हैंडलूम पार्क को और बेहतर कैसे बनाया जाए और बुनकरों की आमदनी बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. सिंधिया ने स्पष्ट निर्देश दिए कि चंदेरी साड़ी उद्योग को मजबूत बनाने के लिए ठोस योजनाएं लागू की जाएं.
बुनकरों की उम्मीदें और समस्याएं
चंदेरी के बुनकरों के लिए हैंडलूम पार्क किसी सौगात से कम नहीं है, इसे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ही शुरू करवाया था. इसने कई परिवारों के जीवन में नई रोशनी और रोजगार के अवसर लाए हैं. हालांकि, आज भी बुनकरों के सामने कुछ चुनौतियां हैं. जैसे बाजार तक पहुंच, कच्चे माल की लागत और आधुनिक उपकरणों की कमी. इन सभी मुद्दों को उन्होंने केंद्रीय मंत्री के सामने रखा, जिन पर जल्द समाधान का भरोसा दिलाया गया.
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सिंधिया के आने से बुनकरों में उत्साह
केंद्रीय मंत्री को अपने बीच देखकर बुनकरों के चेहरे खिल उठे. कई लोगों ने कहा कि सिंधिया के प्रयासों से चंदेरी साड़ी को फिर से नई पहचान मिल रही है. वहीं, मंत्री ने भी कहा कि सरकार का उद्देश्य पारंपरिक कला और कारीगरों को सम्मान और आर्थिक सुरक्षा देना है.
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