Jhansi Medical College Fire News: झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई आगजनी की घटना (Jhansi Medical College Fire Case) के बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में सीएमएचओ (CMHO) ने अस्पतालों (Hospitals) में आगजनी की घटना से निपटने के लिए गाइडलाइन जारी की है, इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अस्पतालों में फायर सिस्टम (Fire System) और फायर एक्सटिंगिवीशर चालू हालत में हों, फायर एक्सटिंगिवीशर की रिफिलिंग समय पर हो, लेकिन सरकारी अस्पतालों में तमाम घटनाओं के बाद लापरवाही का आलम है. मध्यप्रदेश को अभी भी फायर सेफ्टी एक्ट (Fire Safety Act) का इंतज़ार है. राजधानी भोपाल के जिला अस्पतालों का रियलिटी चेक करने जब NDTV की टीम पहुंची तो शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया (Hamidia Hospital) और जयप्रकाश अस्पताल (JP Hospital) में इंतज़ाम नाकाफी मिले.
हमीदिया अस्पताल : गार्ड फिट, प्रबंधन अनफिट
सबसे पहले हमारी टीम पहुंची हमीदिया अस्पताल. भोपाल में हमीदिया अस्पताल के गार्ड चौकस थे, काश 3 साल पहले अस्पताल प्रबंधन भी इतना ही चौकस होता तो सरकारी रिकॉर्ड में 4 बच्चों की जान बच जाती, जो अस्पताल में लगी आग में ज़िंदा जल गये थे. कहा जाता है कि उस वक्त वार्ड में 40 बच्चे थे, जांच में पता चला था कमला नेहरू हॉस्पिटल में 15 साल से फायर NOC नहीं ली गई थी.
तीसरे फ्लोर तक लिफ्ट पहुंचती ज़रूर है, लेकिन नीचे आने के लिए सभी लिफ्ट बंद हैं. ज़्यादातर लिफ्ट अस्पताल के इस बिल्डिंग में बंद हैं. कमला नेहरू का तीसरा फ्लोर और वार्ड बंद अब हो चुका है. तीन साल पहले जहां चीख-पुखार मची थी आज वहां सन्नाटा है. सब वैसे ही बिखरा पड़ा है फ्लोर पर, हमारे अलावा कोई नहीं था, जहां आग लगी थी, उस जगह को बंद कर रखा था, इस फ्लोर का सन्नाटा डरा भी रहा था, लेकिन पूरे फ्लोर पर आग से सुरक्षा के कोई इंतज़ाम अभी भी नहीं थे.
इतनी बड़ी घटना के बावजूद अभी तक अस्पताल में फायर स्प्रिंकलर सिस्टम भी नहीं है. धुआं निकलने के लिए जगह नहीं है. खिड़कियों को प्लास्टिक शीट से कील लगाकर ढंका गया है, आसानी से निकालना मुश्किल है.
ऐसे ही JP की हालत है
ये एक अस्पताल की हालत नहीं है, राजधानी के सरकारी अस्पताल जय प्रकाश अस्पताल में भी यही हालत है. स्प्रिंकलर सिस्टम की पाइपलाइन बिछा दी है पर कनेक्शन और स्प्रिंकलर ही नहीं है. फायर एक्सटीन्गुइशेर पर हाथ से ही रिफिलिंग की तारीखें भर दी है, स्पेशल चाइल्ड केयर यूनिट के पास ही इलेक्ट्रिक रूम है, जहां लापरवाही के कारण कभी भी हादसा हो सकता है.
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