
Diwali Ration: जबलपुर में त्योहारों से ठीक पहले गरीबों को वितरण के लिए आया राशन सड़ा हुआ मिला है. सड़े हुए राशन को दिवाली से ठीक पहले गरीबों के घरों वितरित किया जाना था, लेकिन राशन की हालत ऐसी मिली कि अगर गलती कोई उसे खा लेता तो उसका बीमार होना तय था. मामले शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से दर्ज करवा दी गई है.
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अक्टूबर माह के लिए दो राशन दुकानों पर आया अनाज सड़ा हुआ मिला
मामला मोतीलाल नेहरू वार्ड क्षेत्र का है, जहां दो राशन दुकानों पर अक्टूबर माह के लिए आया अनाज सड़ा हुआ था, जिसे जांच के बाद खाने योग्य बिल्कुल नहीं पाया गया. गरीबों को दिवाली से पहले वितरण के लिए आए अनाज की हालत इतनी खराब थी कि लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता था.
राशन 27 सितंबर को आया था और दिवाली से पहले वितरण होना था
मामले की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय पार्षद ने मौके पर पहुंचकर अनाज की जांच करवाई और अधिकारियों से इसकी शिकायत दर्ज कराई. पार्षद के मुताबिक खराब राशन 27 सितंबर को दुकानों पर आया था और दीपावली से पहले इसका वितरण शुरू होना था, लेकिन जांच में राशन की दशा बेहद खराब पाई गई.
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जाइंट कलेक्टर बोले, शिकायत के बाद तत्काल वितरण रोक दिया गया
मामले पर जाइंट कलेक्टर ऋषभ जैन ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी मिली, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अक्टूबर माह का राशन दुकानों में पहुंचा था, जिसकी गुणवत्ता बहुत खराब थी. उन्होंने बताया कि खराब राशन की शिकायत मिलने के बाद तत्काल वितरण रोक दिया गया और जांच टीम को मामले की जांच में लगाया गया है.

राशन दुकान पर पहुंचे सड़े हुए राशन की जांच करते अधिकारी
सवाल, अनाज पहले से खराब था या भंडारण में खराब हुआ है?
ऋषभ जैन ने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि यह अनाज कहां से आया, किस महीने का है और किस स्तर पर गड़बड़ी हुई. जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि अनाज पहले से खराब था या भंडारण में खराब हुआ है. दोषियों के खिलाफ नियम अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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सड़े अनाज को भेजने से पहले ्क्या क्वालिटी चेक नहीं किया गया?
फर्ज कीजिए, अगर सड़ा हुआ अनाज गरीबों के घरों में वितरित हो जाता और कोई गरीब परिवार सड़े हुए अनाज को खा जाता, तो उसकी दशा क्या होती. सवाल है कि क्या गरीबों में वितरण के लिए भेजे गए सड़े अनाज को भेजने से पहले उसकी क्वालिटी को चेक नहीं किया जाता है और अगर किया गया तो इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?