Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में निर्देश दिया कि परिजनों की उपस्थिति में दफनाई गई मृतक की लाश निकाली जाए और उसका पुनः पोस्टमार्टम कराया जाए. यह मामला 15 सितंबर को मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की बॉर्डर के लोहारीडीह का है. वहां कचूरु की लाश पेड़ पर लटकती मिली थी, आरोप था कि एक बीजेपी नेता के बेटे का हाथ इस हत्याकांड में है.
ये है पूरा मामला
शिव प्रसाद की लाश बालाघाट जिले के बिरसा थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में एक पेड़ से लटकी हुई पाई गई थी. इस मामले में मृतक की नाबालिग बेटी लालेश्वरी साहू ने न्याय की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की थी.लालेश्वरी की अपील में आरोप लगाया गया था कि उनके पिता की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया है.
इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए लालेश्वरी ने पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.चूंकि मामला मध्य प्रदेश का था, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया था.मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वे मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर सकते हैं,जिसके बाद याचिका दोबारा प्रस्तुत की गई.
याचिका की सुनवाई के बाद न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया कि परिजनों की उपस्थिति में मृतक का पुनः पोस्टमार्टम किया जाए, जिससे निष्पक्षता बनी रहे. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विवेक तंखा, शशांक शेखर और हर्षित बारी ने केस की पैरवी की. इस निर्णय से मृतक के परिजनों को उम्मीद है कि न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है और मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच की जाएगी.
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