Madhya Praesh News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि मई 2023 में आयोजित उच्चतर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों को अधिकतम आयुसीमा में छूट का लाभ दिया जाए. दरअसल सरकार ने 18 सितंबर 2022 को एक परिपत्र जारी करते हुए कोविड-19 जैसी आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ग के लिए अधिकतम आयुसीमा में 3 वर्ष की छूट का प्रावधान किया था. चीफ जस्टिस ने कहा कि इस परिपत्र के बाद मई 2023 में उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए जारी विज्ञापन को पहला विज्ञापन माना जाएगा.
इन्हें मिलेगी छूट
वहीं 2018 की पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके उन अभ्यर्थियों को भी यह छूट मिलेगी. जिन्होंने 2022 में चयन प्रक्रिया सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है.लेकिन उन अभ्यर्थियों को यह लाभ नहीं मिलेगा जो 2018 में पात्र तो थे, लेकिन 2022 में चयन प्रक्रिया में अयोग्य पाए गए और 2023 की चयन प्रक्रिया में शामिल हुए. इस फैसले से प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के हजारों रिक्त पदों के लिए अटके हुए परिणाम घोषित होने का मार्ग साफ हुआ है.
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दी थी चुनौती
जबलपुर की प्रिया चतुर्वेदी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के कई अभ्यर्थियों ने एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें आयुसीमा में छूट का लाभ देने से इनकार किया गया था. अधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने बताया कि 2018 के नियमों के तहत पात्रता परीक्षा एक बार उत्तीर्ण करने वाला अभ्यर्थी तीन साल तक नियुक्ति का हकदार होता था.
दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग और आदिवासी विकास विभाग ने उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 का आयोजन किया था. जिसमें सामान्य वर्ग के पुरुष और महिला अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयुसीमा क्रमशः 40 और 45 वर्ष निर्धारित की गई थी. कुछ याचिकाकर्ताओं ने यह तर्क दिया कि उन्हें इस छूट का लाभ नहीं मिला. इसी तरह प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित पात्रता परीक्षा 2020 में भी इस छूट का लाभ देने की मांग उठाई गई थी.
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