
International Day of Forest 2025 theme: हर साल 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है. इस साल इस खास दिन का थीम 'वन और भोजन' है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पूरे भारत में जंगल और वृक्ष आवरण (Tree Cover) में शीर्ष स्थान पर लगातार बना हुआ है. ‘वसुधैव कुटुम्बकम' की संस्कृति वाला हमारा देश सम्पूर्ण जीव-जगत को भी अपना कुटुम्ब ही मानता है. सदियों से वनों, पहाड़ों और नदियों को पूजते चले आ रहे हैं. पूर्वजों की इस परंपरा को सहेजे जाने के लिए जैव-विविधता का संरक्षण आवश्यक है. इसमें एमपी की भूमिका बहुत खास है. प्रदेश का कुल वन और वृक्ष आवरण 85 हजार 724 वर्ग किलोमीटर और वनावरण (Forest Cover) 77.073 वर्ग किलोमीटर है, जो देश में सबसे ज्यादा है. यहां वनों को प्रकृति ने अकूत संपदा का वरदान देकर समृद्ध किया है.

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एमपी में क्या-क्या है?
प्रदेश में 30.72 प्रतिशत वन क्षेत्र है, जो देश के कुल वन क्षेत्र का 12.30 प्रतिशत है. यहां कुल वन क्षेत्र 94 हजार 689 वर्ग किलोमीटर (94 लाख 68 हजार 900 हेक्टेयर) है. प्रदेश में 24 वाइल्डलाइफ सेंचुरी, 11 नेशनल पार्क और 9 टाईगर रिजर्व हैं. इनमें से कान्हा, पेंच, बांधवगढ़, पन्ना, सतपुड़ा और संजय डुबरी टाईगर रिजर्व बाघों के संरक्षण में लैंडमार्क साबित हो रहा है. साथ ही, नामीबिया से आए चीतों के लिए ये प्रदेश सबसे महफूज माना गया है.
टाइगर और तेंदुआ स्टेट
मध्य प्रदेश को बाघ एवं तेंदुआ स्टेट का सम्मान प्राप्त है. प्रदेश में संरक्षित क्षेत्रों के अतिरिक्त खुले जंगलों में भी 30 प्रतिशत से अधिक बाघ विचरण कर रहे हैं. इससे मानव-वन्य जीव संघर्ष की आशंका बढ़ गई है. मानव-वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिए विशेष वन्यजीव कॉरिडोर बनाये गये हैं. साथ ही, 14 रीजनल रेस्क्यू स्क्वॉड और एक राज्य स्तरीय रेस्क्यू स्क्वॉड का गठन किया गया है.

एलीफेंट टॉस्कफोर्स का गठन
एमपी में हाथियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां एलीफेंट-टॉस्कफोर्स का गठन किया गया है. हाथी प्रबंधन के लिए योजना तैयार की जा रही है. इसमें एआई तकनीक के उपयोग से स्थानीय समुदायों की सहभागिता को भी प्रबंधन में सम्मिलत किया जा रहा है. हाथी विचरण क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.
भारत वन स्थिति रिपोर्ट- 2023 के आंकड़े
भारत वन स्थिति रिपोर्ट- 2023 के अनुसार, मध्य प्रदेश ने एक बार फिर देश में सर्वाधिक वन और वृक्ष आवरण वाले राज्य का स्थान बरकरार रखा है. राज्य का कुल वन और वृक्ष आवरण 85,724 वर्ग किलोमीटर है, जो देश में सबसे अधिक है. इसके साथ ही वनावरण क्षेत्र 77,073 वर्ग किलोमीटर के साथ मध्य प्रदेश अग्रणी है. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट- 2023' (ISFR 2023) का विमोचन किया. यह रिपोर्ट भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) द्वारा जारी किया जाता है, जो सैटेलाइट आंकड़ों और फील्ड इन्वेंट्री की मदद से देश के वन और वृक्ष संसाधनों का व्यापक आंकलन करती है.
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रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कुल वन और वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के 25.17% भौगोलिक क्षेत्र को कवर करता है. इसमें वनावरण का क्षेत्रफल 7,15,343 वर्ग किलोमीटर (21.76%) और वृक्ष आवरण का क्षेत्रफल 1,12,014 वर्ग किलोमीटर (3.41%) है. वर्ष- 2021 की तुलना में वन और वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें वनावरण में 156 वर्ग किलोमीटर और वृक्ष आवरण में 1,289 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि शामिल है.
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