Indore High Court: रोड डायवर्जन को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, तोड़फोड़ पर लगाई रोक

MP News: इंदौर हाईकोर्ट ने रोड डायवर्जन के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने गूगल मैप के पक्ष को सही माना. 

Advertisement
Read Time: 2 mins
इंदौर हाईकोर्ट

Latest Court News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) शहर के आर ई टू रोड को डाइवर्ट करने के मामले से सहमत होते हुए इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) की खंडपीठ ने रोड में बाधक मकान मालिकों को स्टे दे दिया. पट्टे धारक मकान मालिकों ने आरोप लगाया था कि गूगल मैप (Google Map) के अनुसार रोड सीधा था, लेकिन उसे डायवर्ट (Road Diversion) किया गया और गरीबों के मकान तोड़े जा रहे हैं. एक दिन पहले ही स्कीम नंबर 140 के पास से अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने कई मकानों को हटाया था. 

पट्टाधारियों ने की थी शिकायत

नगर निगम इंदौर ने पीपल्याहाना, बिचौली हप्सी काकड़ क्षेत्र के रहवासियों को अवैध रूप से बलपूर्वक बेघर करने और उनकी पट्टे की जमीन से बेदखल करने के लिए चलाये जा रहे अभियान से व्यथित होकर बिचौली हप्सी काकड़ के रहवासियों ने माननीय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी. इसपर सुनवाई करते हुए 11 मई को कोर्ट ने कोई भी बलपूर्वक कार्यवाही न करने के आदेश दिए.

ये भी पढ़ें :- Gwalior News: शिकायत लेकर दो महिलाएं पहुंची एसपी ऑफिस, तो पता चला कि एक ही व्यक्ति है दोनों के पति

कई सालों से है घर

इंदौर नगर निगम ने मास्टर प्लान 2021 रोड के निर्माण के लिए पीपल्याहाना, बिचौली हप्सी काकड़ क्षेत्र के रहवासियों को अवैध रूप से बलपूर्वक बेघर करने और उनकी पट्टे की जमीन से बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा था. रहवासी पट्टेधारी होकर वर्षों से अपनी पट्टे की जमीन पर मकान बनाकर निवासरत थे. सभी रहवासियों को मध्य प्रदेश शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन व्यक्ति अधिनियम 1984, के अंतर्गत पट्टे प्रदान किये गए थे. जिन पर कार्यवाही करने का नगर निगम इंदौर को कोई विधिक अधिकार नहीं था.

Advertisement

ये भी पढ़ें :- MP सरकार की सौगात ! एयर लिफ्ट के ज़रिए मरीजों को दिया जाएगा इलाज

Topics mentioned in this article