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Indore: करोड़ों की सरकारी जमीन पर बसा दी गई कॉलोनी, बाउंड्रीवाल खींचकर प्लॉट बेचने की चल रही थी तैयारी

Indore Government Land: SDM घनश्याम धनगर के नेतृत्व में शहर के पॉश इलाके में स्थित 0.86 हेक्टेयर सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाकर जिला प्रशासन ने उक्त सरकारी जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है. अवैध कब्जे से छुडाई गई जमीन की कीमत 150 करोड़ रुपए आंकी गई है.

Indore: करोड़ों की सरकारी जमीन पर बसा दी गई कॉलोनी, बाउंड्रीवाल खींचकर प्लॉट बेचने की चल रही थी तैयारी
प्रतीकात्मक तस्वीर
इंदौर:

Encroachment on Government Land: इंदौर शहर में प्रशासन ने 150 करोड़ रुपए की बाजार मूल्य वाली एक सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से छुड़ाने में सफलता पाई, जिस पर अतिक्रमण कर कॉलोनी बसा दी गई थी और प्लॉट बेचने की तैयारी चल रही थी. शनिवार को जिला प्रशासन ने उक्त सरकारी जमीन छुड़ा लिया है.

SDM घनश्याम धनगर के नेतृत्व में शहर के पॉश इलाके में स्थित 0.86 हेक्टेयर सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाकर जिला प्रशासन ने उक्त सरकारी जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है. अवैध कब्जे से छुडाई गई जमीन की कीमत 150 करोड़ रुपए आंकी गई है.

13 लोगों को बेची गई थी 0.86 हेक्टेयर सरकारी जमीन 

एसडीएम घनश्याम धनगर ने बताया कि अतिक्रमण करके कॉलोनी काटे गए  0.86 हेक्टेयर सरकारी जमीन को अशोक भाई गुजराती ने 13 लोगों को बेची थी, जिस पर चारदीवारी खींचकर सड़क का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उक्त जमीन जिला कलेक्टर के नाम पर दर्ज मिली, जिसके बाद सरकारी जमीन मुक्त करवा ली गई.

पॉश इलाके में है अतिक्रमण मुक्त कराई गई सरकारी जमीन

एसडीएम घनश्याम धनगर ने बताया कि नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक टीम ने अतिक्रमण हटाकर जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है.इंदौर जिले के पॉश इलाके में स्थित सरकारी जमीन एबी रोड पर स्थित है, जिसकी कीमत करीब 150 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

अतिक्रमणकारियों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर उक्त जमीन पर पार्क एवेन्यू नामक एक कॉलोनी बसा दी थी और जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों ने जमीन के अलग-अलग को किराए पर दे दिए गए थे. 

क्रिकेट टर्फ, रेस्त्रा और पार्किंग में उपयोग हो रहा था सरकारी जमीन

गौरतलब है मुक्त कराई गई सरकारी जमीन पर क्रिकेट टर्फ,रेस्त्रां और पार्किंग का उपयोग हो रहा है. कलेक्टर आशीष सिंह की जांच में पता चला कि उक्त जमीन के व्यवस्थापक कलेक्टर है. इस जमीन पर 13 प्लॉट भी पूर्व में बिक चुके है, बताया जा रहा है कि उक्त सरकारी जमीन पर काटे गए 13 प्लॉट को शहर के रसूखदारों ने खरीदे हैं.

सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाकर प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया

जांच में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खुलासे के बाद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे एसडीएम घनश्याम धनगर ने सरकारी जमीन पर हुए अस्थाई अतिक्रमण को हटाकर अपने कब्जा ले लिया. प्रशासन ने वहां पर कब्जा संबंधी बोर्ड भी लगा दिया है. प्रशासन ने पिछले दिनों उन जमीनों की जांच शुरू की है, जिनके व्यवस्थापक कलेक्टर हैं.

सरकारी जमीन पर चल रहे अस्थाई दफ्तर को भी प्रशासन ने तोड़ दिया

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों स्कीम-134 से भी 200 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन से प्रशासन ने कब्जा हटाकर उसका कब्जा लिया. जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाकर प्लॉट बेचने की तैयारी की जा रही थी. जमीन पर संचालित हो रहे एक अस्थाई दफ्तर को भी प्रशासन ने तोड़ दिया. जल्द ही जांच के बाद भी अन्य हिस्सों पर भी कब्जा ले सकता है. 

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