
Railway News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में रेलवे में सफर करने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. यहां से हर दिन हजारों की संख्या में सफर करने वाले यात्रियों को अब रेलवे साफ बेड रोल (Train Bed Roll) देने वाला है. रेलवे ने इसके लिए खास मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री (Mechanized Laundry) लगा दी है. ग्वालियर में यह मैकेनिक लॉन्ड्री रेलवे स्टेशन के पास ही शुरू की गई है, जिसकी काफी सालों से मांग भी चल रही थी. इस लॉन्ड्री के शुरू होने से अब जहां यात्रियों को साफ सुथरे और इलेक्ट्रॉनिक मशीन से चेक किए हुए कंबल और बेडशीट मिलेंगे, तो वहीं, इन बेडशीट और कंबलों की धुलाई में लगने वाला समय भी कम हुआ है.
मिलेंगे साफ कंबल और चादर
ग्वालियर रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाली ट्रेनों में अब यात्रियों को साफ-सुथरी और मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री से धुले हुए कंबल और चादर उपलब्ध हो रहे हैं. बहुत लंबे समय से हाथों से हो रहा धुलाई का काम अब ग्वालियर रेलवे स्टेशन के पास स्थित रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में किया जा रहा है. उत्तर मध्य रेलवे के झांसी ग्वालियर मंडल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री है. इसमें रेलवे के यात्रियों के लिए चादर और कंबल की धुलाई होती है और बाद में उन्हें पैक करके यात्रियों को उपलब्ध कराया जाता है.
ऐसे साफ होते हैं गंदे चादर और कंबल
रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले गंदे चादर और कपड़े शोर्टिंग रूम में आते हैं. उसके बाद छटाई करके उन्हें वाशिंग मशीन में भेजा जाता है. इतना ही नहीं, धुले हुए कपड़ों की इलेक्ट्रिक मीटर से चेकिंग भी की जाती है. जिससे पता चल सके कि कपड़े किस स्तर तक साफ हुए हैं और फिर बाद में इन कपड़ों को पैक करके यात्रियों को उपलब्ध कराया जाता है. इस लॉन्ड्री के बनने से समय में तो कमी आई ही है और यात्रियों को क्वालिटी वाले धुले हुए चादर और कंबल मिल पा रहे हैं.
ये भी पढ़ें :- MP: पलायन में उलझी केन बेतवा परियोजना ! जिनकी जमीन डूब क्षेत्र में वो कहां गए...
इतने दिन में बदल दिया जाता है चादर और कंबल
रेलवे के नियम के अनुसार, पहले यात्रियों को जो बेडशीट दी जाती थी, उनकी लाइफ दो साल हुआ करती थी. लेकिन, अब 12 महीने बाद ही बेडशीट चेंज कर दी जाती है. इसी तरह ब्लैंकेट 60 महीने की जगह अब 24 महीने में नया उपलब्ध कराया जाता है. रेलवे का यही उद्देश्य है कि यात्रियों को गुणवत्ता सहित सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके, जिससे उनकी यात्रा सुगम बन सकें.
ये भी पढ़ें :- छत्तीसगढ़ में बना देश का पहला वन मंदिर, एक ही जगह मिलेंगी इतनी जानकारियां, खासियत जानकर हो जाएंगे दंग