Police पेट्रोल पंप में ग्राहकों से हो रहा था धोखा, पेट्रोल-डीजल की बिक्री का बड़ा फर्जीवाड़ा, केस दर्ज

Police Welfare Petrol Pump Jabalpur: जबलपुर में पुलिस वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप में लंबे समय से फर्जीवाड़ा चल रहा था. यहां POS मशीन के जरिए चूना लगाया जा रहा था. आखिरकार फर्जीवाड़ा का खुलासा हो गया. आइए जानते हैं कैसे पूरे मामले को अंजाम दिया गया था.

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Indian Oil Petrol Pump: पुलिस वेलफेयर सोसायटी के पेट्रोल पंप (Police Welfare Petrol Pump) में पीओएस (POS) यानी पॉइंट ऑफ सेल मशीन की क्लोनिंग करके एक करोड़ 6 लाख 77 हजार 285 रुपये की ठगी की गई. इस मामले का खुलासा होने पर गोरखपुर पुलिस (Gorakhpur Police) ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की सब-ब्रांच फीशर्व के कर्मचारी शुभम पटेल, रोशन काछी उर्फ ओमप्रकाश रजक, मेसर्स ट्री स्टार मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड के अनूप सिंह और सिम विक्रेता प्रांजल पटेल के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.

कहां का है ये मामला?

पुलिस वेलफेयर पेट्रोल पंप पर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation) द्वारा पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) की सप्लाई की जाती है. इंडियन ऑयल ने वर्ष 2023 में एक्स्ट्रा रिवॉर्ड बोनान्जा योजना शुरू की थी, जिसके तहत पेट्रोल पंप को सात पीओएस मशीनें दी गई थीं. ये सभी मशीनें आईसीआईसीआई बैंक की सब-ब्रांच फीशर्व की थीं. योजना के तहत ग्राहकों को एक लिंक के माध्यम से जोड़ने पर ओटीपी (OTP) मिलता था, जिससे ग्राहक 50 पॉइंट्स कमा सकते थे, जिन्हें पेट्रोल या डीजल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था. इसके अलावा, सौ रुपये के पेट्रोल पर 80 पैसे और एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल पर चार रुपये का रिवॉर्ड मिलता था. इस योजना के लिए इंडियन ऑयल ने मेसर्स ट्री स्टार मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड से करार किया था, जिसकी जिम्मेदारी अनूप सिंह को सौंपी गई थी. वह अक्सर पंप पर जाकर मशीनों की जांच करते थे.

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क्लोन मशीन का उपयोग

पुलिस वेलफेयर पेट्रोल पंप पर लगी पीओएस मशीन में से एक खराब हो गई थी, जिसे फीशर्व कंपनी के शुभम पटेल ने 1 फरवरी को रिपेयर के लिए लिया था. बाद में, शुभम ने इस मशीन का क्लोन तैयार किया और अपने साथी रोशन काछी उर्फ ओमप्रकाश रजक के साथ मिलकर धोखाधड़ी शुरू कर दी. शुभम का भाई प्रांजल, जो सिम और मोबाइल नंबर से ओटीपी प्राप्त करता था, उसे शुभम को देता था और क्लोन मशीन के जरिए फर्जीवाड़ा किया गया.

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ऐसे खुला फर्जीवाड़ा

फरवरी 2023 में पुलिस वेलफेयर पेट्रोल पंप पर 6 लाख 87 हजार रुपये और मार्च 2023 में 99 लाख 89 हजार रुपये की एक्स्ट्रा रिवॉर्ड बिक्री दर्ज की गई थी. इंडियन ऑयल के अधिकारियों द्वारा जांच में पता चला कि इतनी बड़ी मात्रा में पेट्रोल पंप से ईंधन बिका ही नहीं था. इस पर पुलिस को सूचित किया गया और जांच के बाद पता चला कि 8 जनवरी 2023 से मार्च 2023 के बीच यह घोटाला हुआ था.

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किसकी थी लापरवाही?

जांच में यह भी सामने आया कि पेट्रोल पंप के तत्कालीन प्रभारी सूबेदार ललित धुर्वे थे, जिन्हें जनवरी 2023 में रक्षित निरीक्षक के पद पर पदोन्नत कर मंडला स्थानांतरित कर दिया गया था. 12 जनवरी 2024 को सूबेदार रूमा तेकाम को नए प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन धुर्वे ने इस धोखाधड़ी की जानकारी तेकाम को नहीं दी थी, जिससे मामला छिपा रहा.

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