India Rural Colloquy 2024 Madhya Pradesh: भारत में ग्रामीण क्षेत्रों मे व्याप्त गरीबी और असमानता की चुनौतियों के समाधान के लिए अंतर-विषयक संवाद और व्यावहारिक विचार-विमर्श के लिए ‘इंडिया रूरल कोलोक्वि' (India Rural Colloquy) का आयोजन ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया (Transforming Rural India) यानी टीआरआई (TRI) द्वारा हर साल राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है. इस बार समृद्ध ग्रामीण मध्यप्रदेश संवाद कार्यक्रम का आयोजन मैनिट भोपाल (MANIT Bhopal) के सभागार में मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान भोपाल (Maulana Azad National Institute of Technology, Bhopal) के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. इस संगोष्ठी के समापन सत्र में शामिल विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा की अब तक हमने श्रम करने को दोयम दर्जे का माना है और प्राकृतिक संसाधनों के नुकसान का आंकलन नहीं किया. अब वो समय आ गया है जब हमें सिर्फ लेने के बारे में ही नहीं, बल्कि देने के बारे में भी सोचना होगा. हमें इस बात पर विचार करना होगा कि हमारे प्राकृतिक संसाधन हमें कितनी दूर तक ले जा सकते हैं.
सीएम ने पत्र के जरिए दिया ये संदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पत्र के माध्यम से अपना संदेश दिया उन्होंने लिखा कि हमारे राज्य, मध्यप्रदेश, ने सामाजिक-आर्थिक विकास के सूचकांकों में निरंतर प्रगति की है. विगत वर्षों में हमारी राज्य सरकार ने एक बेहतर विकास दृष्टि और राज्य के नागरिकों के सतत विकास के लिए एक रणनीतिक रोडमैप के साथ कार्य किया है. यह हमारी दृढ़ संकल्पना और जन हितैषी नीतियों के परिणामस्वरूप संभव हुआ है कि हम गरीबी और असमानता को दूर करने में सफल हो रहे हैं.
हमें एकजुट होकर कार्य करना है, ताकि सतत ग्रामीण विकास के लिए कार्रवाई योग्य रणनीतियों को स्थानीय समुदाय और प्रशासन के सहयोग से सफलतापूर्वक लागू कर सकें. आइए, हम सब मिलकर ग्रामीण मध्य प्रदेश के विकास की इस यात्रा को एक नई दिशा दें और अपने प्रयासों से समाज को प्रगति की ओर अग्रसर करें. ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया, MANIT एवं NDTV को इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु बधाई, एवं कार्यक्रम के सफलता की कामना करता हूं.
समाज को कुछ देने का काम करें : प्रहलाद पटेल
प्रहलाद पटेल ने आगे कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी कमाई का कुछ हिस्सा समाज को वापस करने के बारे में भी विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि हमें वनों के प्रबंधन पर भी विचार करना होगा, साथ ही हमारी सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासतों के साथ ग्रामीण अर्थशास्त्र को भी समझना होगा. एक अच्छी एवं सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा.
विकसित देश के लिए ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित बनाना होगा: केके शुक्ला
मैनिट के डायरेक्टर केके शुक्ला ने संवाद सत्र के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि देश को विकसित होने के लिए ग्रामीण भारत का विकसित होना भी अति आवश्यक है. तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास महत्वपूर्ण है. हम छात्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याओं की पहचान करने और उनके लिए तकनीकी समाधान खोजने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए एक पाठ्यक्रम की योजना बना रहे हैं.
ग्रामीणों को अपनी बात कहने का मौका देना होगा : अनुराग द्वारी
संगोष्ठी में समृद्ध ग्रामीण मध्यप्रदेश को लेकर हुए पैनल डिस्कशन में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आर परशुराम ने कहा कि योजनाओं के विकेन्द्रीकरण के लिए सर्वप्रथम पंचायतों के सचिवालय को सशक्त करना होगा. इस अवसर पर एनडीटीवी के अनुराग द्वारी ने कहा की हम मिट्टी को गंदा मानते हैं, जबकि इसमें उतर कर काम करना होगा और ग्रामीणों को अपनी बात कहने का मौका देना होगा.
संगोष्ठी के प्रारंभ मे दिन भर के कार्यकक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्य टीआरआई के राजेश सिंह ने प्रस्तुत किया एवं राज्य प्रमुख अलिवा दास ने अतिथियों का स्वागत किया. आभार प्रदर्शन नेहा गुप्ता एवं पल्लवी जैन द्वारा किया गया.
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