MPPSC प्री परीक्षा के दो सवालों पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला,  जानें कोर्ट ने क्या कहा ? 

MP News : MPPSC प्री परीक्षा के दो सवालों पर दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.

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MP High Court Decision: मध्य प्रदेश पीएससी- मुख्य परीक्षा 2023 में शामिल हुए  याचिकाकर्ता उम्मीदवारों एवं वन परीक्षा में शामिल होने वाले सभी परीक्षार्थियों के लिए हाईकोर्ट से अच्छी खबर आई है. याचिकाकर्ताओं ने जिन दो प्रश्नों को चुनौती दी थी, उन पर फैसला सुनाया है. अब कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि राज्य सेवा परीक्षा मेंस 2023 हो चुकी है. इसलिए  जिन  लगभग 60 याचिकाकर्ताओं  को मेंस में बैठने की अंतरिम राहत दी थी, उन्हें इन दो सवालों के अंक इसी आधार पर दिए जाएंगे और वह इसके बाद कटऑफ में आते हैं तो ही उनकी मेंस की कॉपियां जांची जाएं .इन परीक्षार्थियों को आगे की प्रक्रिया में शामिल किया जाए, नहीं तो वह फेल माने जाएंगे. उन्हें आगे की प्रक्रिया से रोका जाएगा. 

19 याचिकाएं मुख्यपीठ में दायर की गई 

दरअसल MPPSC प्री परीक्षा में पूछे गए सवालों में से कुछ प्रश्न ऐसे हैं, जिन पर आपत्ति पेश की गई है. इसे लेकर प्रदेश के अलग-अलग जगहों से 19 याचिकाएं मुख्यपीठ में दायर की गई हैं. 2023 के प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए 2 विवादित प्रश्नों को चुनौती दी गई थी. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने अपने लिखित आर्डर कहा कि जो 2 प्रश्न गलत थे उनमें से विलियम बैंटिक से जुड़ा प्रेस की स्वतंत्रता वाला प्रश्न ही गलत है. अतः  इसे डिलीट किया जाएगा. इस डिलीट प्रश्न के दो अंक सभी को मिलेंगे,  सभी प्री एग्जाम में शामिल उम्मीदवारों को यह दो अंक मिलेंगे. दूसरा प्रश्न एम्च्योर कबड्डी एसोसिएशन का मुख्यालय का सही जवाब जयपुर है. जबकि PSC ने इसे दिल्ली माना था. हाईकोर्ट ने कहा कि जिन परीक्षार्थियों ने जयपुर आंसर दिया, उन्हें दो अंक दिए जाएंगे और जिन परीक्षार्थियों ने  दिल्ली या अन्य जवाब दिया उनके दो अंक काटे जाएंगे.

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याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने NDTV को बताया कि यह आर्डर याचिकाकर्ताओं के लिए लागू होगा, जो अन्य सभी मेंस में शामिल थे. उनके लिए कोर्ट ने अभी कुछ नहीं कहा है.

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वन सेवा की नई मेरिट लिस्ट बनेगी

राज्य वन सेवा 2023 की मुख्य परीक्षा अभी नहीं हुई है वह 30 जून को होना है. हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि इन दो प्रश्नों के नए सिरे से अंक देखते हुए फिर से प्री की मेरिट लिस्ट जारी करें. साल 2019 में इसी तरह की परिस्थिति उपस्थिति हुई थी तब स्पेशल मेंस की परीक्षा की गई थी.  हाईकोर्ट ने राज्य वन सेवा की प्री का तो रिजल्ट फिर से जारी करने का आदेश दिया है और साथ ही याचिकाकर्ताओं के लिए भी कहा जो मेंस में सशर्त बैठे थे कि उनके अंक दोनों प्रश्नों के आधार पर दिए जाएं और फिर  उन्हें पास होने पर ही मेंस की कॉपिया जांची जाएं. इन दो अंकों के आधार पर परीक्षा में बैठे करीब दो लाख उम्मीदवार भी अपने लिए स्पेशल मेंस की मांग कर सकते हैं.

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