मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से लगाए गए होर्डिंग्स और यूनिपोल मामले में हाईकोर्ट ने जिला और नगर निगम प्रशासन से स्थिति रिपोर्ट मांगी है. जनहित याचिका के माध्यम से इन अवैध होर्डिंग्स और यूनिपोल को चुनौती दी गई है. गुरुवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की पीठ ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, जबलपुर के कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी.
2017 में मध्य प्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम किए गए थे लागू
याचिकाकर्ता डॉ. पी.जी. नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि पहले यूनिपोल और होर्डिंग्स लगाने के लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं थे, लेकिन 2017 में मध्य प्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम लागू किए गए. इन नियमों के अनुसार जहां फुटपाथ नहीं है, वहां सड़क के किनारे 3 मीटर के भीतर यूनिपोल या होर्डिंग्स नहीं लगाए जा सकते. इसी तरह, फुटपाथ वाले स्थानों पर भी यूनिपोल लगाने की सीमाएं तय की गई हैं. इसके अलावा सड़क के मोड़ वाले स्थानों पर जहां से वाहन ठीक से दिखाई नहीं देते, वहां यूनिपोल लगाने पर पाबंदी है, लेकिन याचिका में दावा किया गया है कि जबलपुर में इन नियमों का उल्लंघन हो रहा है.
यूनिपोल लगाने के लिए अधिकृत समिति का होना था गठन
याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 2017 में बने नियमों के अनुसार, 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में यूनिपोल लगाने के लिए एक अधिकृत समिति का गठन किया जाना था, लेकिन जबलपुर में अब तक यह समिति नहीं बनी है. साथ ही नगर निगम द्वारा एक ही विज्ञापन एजेंसी को कई वर्षों से ठेके दिए जा रहे हैं, जबकि नियम के अनुसार अधिकतम तीन साल के लिए ही अनुमति दी जानी चाहिए.
मुंबई में यूनिपोल गिरने से 16 लोगों की गई थी जान
याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि यूनिपोल स्ट्रक्चर की डिजाइन ऐसी होनी चाहिए कि वह राहगीरों या वाहन चालकों के लिए खतरा न बने. मुंबई में हाल ही में एक यूनिपोल गिरने से 16 लोगों की जान गई थी, लेकिन जबलपुर नगर निगम ने इस घटना से कोई सबक नहीं लिया है और शहर के कई स्थानों पर खतरनाक यूनिपोल लगे हुए हैं, जो किसी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं.
नियम का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
याचिका में यह भी मांग की गई है कि जिन स्थानों पर नियमों के खिलाफ यूनिपोल लगाए गए हैं, उनकी अनुमति की जांच होनी चाहिए और अवैध रूप से दी गई अनुमति को रद्द किया जाए. साथ ही इन नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए.
ये भी पढ़े: रैगिंग से परेशान छात्रा ने पढ़ाई छोड़ने का लिया फैसला तो कॉलेज ने मांगे 30 लाख, अब HC ने सुनाया बड़ा फैसला