MP राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन की जबरन सेवानिवृत्ति पर रोक, मोहन सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस

MP News: हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता अशोक तिवारी आयोग के चेयरमैन पद पर बने रहेंगे. उनके स्थान पर श्रीकांत पांडे को प्रभारी नियुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दी गई है.

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Madhya Pradesh High Court: एमपी हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन अशोक तिवारी की जबरन सेवानिवृत्ति पर रोक लगाई है. कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य शासन और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी.

कोर्ट का निर्देश

हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता अशोक तिवारी आयोग के चेयरमैन पद पर बने रहेंगे. उनके स्थान पर श्रीकांत पांडे को प्रभारी नियुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दी गई है.

मनमाना तरीके से किया गया सेवानिवृत्त 

भोपाल निवासी अशोक तिवारी की ओर से अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने कोर्ट में पक्ष रखा. उन्होंने तर्क दिया कि अशोक तिवारी का कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ है. बावजूद इसके उन्हें 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और मुंबई हाई कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि आयोग के चेयरमैन और सदस्यों का कार्यकाल 67 वर्ष का होना चाहिए. इस प्रकार सेवानिवृत्ति का यह आदेश न केवल मनमाना है, बल्कि 2020 के असंवैधानिक घोषित किए गए नियमों का उल्लंघन भी करता है.

केंद्र और राज्य सरकार ने कोर्ट में रखा पक्ष

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से उप महान्यायवादी पुष्पेंद्र यादव ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया. वहीं अनावेदकों और हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मोहन सोंसरकर और सिद्धार्थ शर्मा ने कोर्ट में दलील दी. इस मामले में न्यायालय के अगले निर्णय का इंतजार किया जा रहा है, जो आयोग के कामकाज और नियुक्तियों पर बड़ा असर डाल सकता है.

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