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Heavy Rainfall in MP: स्टेट कमांड सेंटर में मीटिंग; CM ने कहा- घबराएं नहीं, सरकार हेलीकाप्टर से एयरलिफ्ट करेगी

MP Weather: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आपदा नियंत्रण कक्ष से जिलों में मौजूद व्यवस्थाओं, अलर्ट सिस्टम्, निगरानी तंत्र और अबतक किए गए सभी प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशन्स का भी जायजा लिया. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम निरंतर सक्रिय रहें और प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करें. 

Heavy Rainfall in MP: स्टेट कमांड सेंटर में मीटिंग; CM ने कहा- घबराएं नहीं, सरकार हेलीकाप्टर से एयरलिफ्ट करेगी
Heavy Rain in MP: मध्य प्रदेश में बारिश का कहर

Heavy Rainfall in MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष (स्टेट कमांड सेंटर) पहुंचकर प्रदेशभर भारी वर्षा के चलते उत्पन्न परिस्थितियों की जानकारी ली और जन सुरक्षा प्रबंधन के संबंध में अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा की. इस दौरान सीएम ने कहा है कि जान-माल की सुरक्षा सर्वोपरि है. जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. सीएम ने कहा कि वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में जिला एवं पुलिस प्रशासन सहित होमगार्ड, आपदा प्रबंधन दल सब मिलजुलकर पूरी सजगता और सतर्कता से कार्य करें. राहत एवं बचाव दल पूरी तैयारी से रहें और जरूरमंदों तक तत्काल सभी प्रकार की मदद पहुंचाई जाए.  

अब तक 2900 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह जेएन कंसोटिया, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, डीजी होमगार्ड प्रज्ञा श्रीवास्तव, एडीजी ए सांई मनोहर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. यहां बताया गया कि प्रदेश में बीते तीन दिनों से भारी वर्षा हो रही है. भारी वर्षा के चलते प्रदेश के कुछ जिलों में गांव और घरों में पानी भर जाने जैसी उत्पन्न परिस्थितियों में अब तक 2900 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. प्रदेश में जहां-जहां अतिवर्षा की सूचना और लोगों के बाढ़ के पानी फंस जाने की जानकारी मिलीं हैं, वहां पूरी क्षमता से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आपदा नियंत्रण कक्ष से जिलों में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का लाइव ऑपरेशन देखा. उन्होंने आपदा बचाव दल में तैनात अधिकारियों से बात की और राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाढ़ से बचाव दल अधिकारियों से पूछा कि किसी प्रकार के संसाधन की कमी तो नहीं है? अधिकारियों ने बताया कि सभी संसाधन उपलब्ध हैं और प्रशासन के साथ-साथ ग्रामीणों और सिविल सोसाइटी से भी मदद मिल रही है. मुख्यमंत्री ने जलमग्न इलाकों से सुरक्षित लेकर आए गए वर्षा पीड़ितों से रू-ब-रू चर्चा की. मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, सरकार हर कदम पर आपके साथ है. पीड़ितों के घर सामान, फसल, पशु जिसकी भी हानि हुई है, सरकार उसकी समुचित भरपाई करेगी.

15 अगस्त को सम्मान

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे सभी तरह की ऐहतियात बरतें. आपदा नियंत्रण के सभी इंतजाम तैयार रखें. बाढ़ आने की स्थिति में तत्काल लोगों को रेस्क्यू करें. उन्होंने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि बाढ़ का पानी कम होते ही जल्द से जल्द सर्वे करा लें और जिन वर्षा प्रभावितों का जिस तरह का भी नुकसान हुआ है, उन्हें समुचित मुआवजा देने के लिए विधिवत् प्रस्ताव तैयार कर लें. सरकार हर बाढ़ पीड़ित की भरपूर मदद करेगी. कलेक्टर्स ने यहां भी बताया कि लोगों को बाढ़ प्रभावितों क्षेत्रों से सुरक्षित निकालने में सामाजिक संगठनों ने भी मदद की है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित निकालकर उनका जीवन बचाने में मदद करने वाले लोगों की सूची तैयार कर लें, सरकार ऐसे साहसी, परोपकारी और मददगार लोगों को आगामी 15 अगस्त और अन्य अवसरों पर भी सम्मानित करेगी. इन्हें पुरस्कार भी दिए जाएंगे. 

सरकार के स्तर जिस प्रकार की मदद की आवश्यकता है वह बताएं,  सरकार समुचित व्यवस्थाएं करेगी. उन्होंने कहा कि यदि नाव से किसी बाढ़ प्रभावित को सुरक्षित निकालना या बचा पाना संभव न हो, तो ऐसी स्थिति में सरकार हेलीकाप्टर के जरिए प्रभावितों को एयरलिफ्ट करायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और अति वर्षा से नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर संभाग के गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर संभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, भोपाल संभाग के विदिशा एवं रायसेन जिले में बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी ली और यहां चल रहे रेस्क्यू कार्यों का लाइव अवलोकन भी किया. मुख्यमंत्री ने बचाव दल के अधिकारियों से लाइव चर्चा करते हुए कहा कि किसी की जान बचाना सेवा का काम है. इसी भाव और पूरे समर्पण से अपना कार्य करें.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आपदा नियंत्रण कक्ष से जिलों में मौजूद व्यवस्थाओं, अलर्ट सिस्टम्, निगरानी तंत्र और अबतक किए गए सभी प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशन्स का भी जायजा लिया. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम निरंतर सक्रिय रहें और प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करें. 

तेज बहाव वाले किसी भी पुल-पुलिया में ध्यान रखें

मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे वर्षा थमने तक बेहद सतर्क रहें, सजग रहें. बाढ़ प्रभावितों को बचाने में मदद भी करें. उन्होंने कहा कि नागरिकगण बाढ़ वाले नदी-नाले में उतरने बचें और तेज बहाव वाले किसी भी पुल-पुलिया से आवागमन भी कतई न करें. उन्होंने कहा कि बारिश में करंट फैलने की आशंका के चलते बिजली के तार खुले न छोड़े जाएं. बच्चे-बूढ़ों सबको करंट आदि से सुरक्षित रखें. उन्होंने कहा कि बारिश में कच्चे मकान में रहने से बचें, क्योंकि अति वर्षा से इनके ढहने की आशंका बनी रहती है. मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स के कहा कि जिन लोगों को रेस्क्यू किया गया है, उनके सुरक्षित निवास, भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवा, कपड़े और अन्य जरूरतों की भी समुचित व्यवस्था कर सभी पीड़ितों को उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा की स्थिति में सरकार हर पीड़ित के साथ है, किसी को भी असहाय नहीं रहने दिया जाएगा. पीड़ितों के नुकसान की हर प्रकार से भरपाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिलों में बचाव दल के अधिकारियों और कलेक्टर्स से चर्चा कर उनके क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति, रेसक्यू ऑपरेशन्स की अपडेट सहित पीड़ितों को प्रशासन द्वारा मुहैया कराई जा रही राहत के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने निर्देश दिए कि पीड़ितों के लिए सभी एकजुटता के साथ हर प्रकार की व्यवस्थाएं करें. लोगों को बचाने में सरकार प्रशासन, सेना, आपदा प्रबंधन दल सब साथ हैं. बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित निकालने में कोई भी कमी न रखें. यदि उनके जिले में अतिवर्षा का अलर्ट आया है, तो आवश्यकता के अनुरूप स्कूली बच्चों की छुट्टी आदि भी घोषित कर दें, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी की आशंका ही न रहे.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मौसम विभाग की चेतावनी का जिक्र करते हुए कहा कि सभी जिलों के कलेक्टर्स हाई अलर्ट पर रहें और किसी भी क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित होने की जानकारी मिलते ही राहत एवं बचाव दल को तत्परतापूर्वक वहां पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि कलेक्टर्स अपने अलर्ट सिस्टम और निगरानी तंत्र को और मजबूत बना लें, क्योंकि बाढ़ की सूचनाएं जितनी जल्दी मिलेंगी, राहत दल उतनी ही शीघ्रता से पहुंच पायेंगे. इससे लोगों को सुरक्षित निकालकर उनतक जरूरी राहतें पहुंचाई जा सकेगी. 

ऐसा है मौसम

मौसम विभाग द्वारा अगले 24 घंटों में प्रदेश के नर्मदापुरम्, हरदा, गुना, शिवपुरी और रायसेन जिले में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, बैतूल, भोपाल खंडवा, देवास, शाजापुर, नरसिंहपुर, श्योपुर, आगर-मालवा, नीमच, अशोकनगर, पांढुरना और छिंदवाड़ा जिले अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा और खरगोन, अलीराजपुर, धार, इन्दौर, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, जबलपुर,सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीमकगढ़ और निवाड़ी जिले में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की गई है. राज्यस्तरीय स्टेट कमांड सेंटर और जिलों में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्षों द्वारा सरकार, सेना और मौसम विभाग के सतत् संपर्क में रहकर सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं.

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