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Heart Attack: ठंड में बेवफा हुआ दिल! 14 दिन में ग्वालियर में हार्टअटैक से 34 और ब्रेन अटैक से 33 की गई जान

Heart Attack in Winters: ठंड बढ़ते ही दिल की बीमारी, और खासतौर से हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है. ग्वालियर में इन दोनों बीमारियों के कारण अब तक कुल 60 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. 

Heart Attack: ठंड में बेवफा हुआ दिल! 14 दिन में ग्वालियर में हार्टअटैक से 34 और ब्रेन अटैक से 33 की गई जान
ग्वालियर में हार्ट और दिमाग के मरीजों की संख्या बढ़ी

Gwalior Heart Attack Deaths: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बर्फीली हवाएं चलने से ग्वालियर अंचल में सर्दी का प्रकोप (Winters in Gwalior) बढ़ गया है. सर्दी से एक तरफ जीवन ठप पड़ने लगा है, वहीं लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर हो रहा है. सर्दी बढ़ते ही यहां सर्दी-जुकाम जैसी सीजनल बीमारी के शिकार तो बढ़े ही है. साथ ही हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक (Heart Attack and Brain Attack) के मरीजों की संख्या में एकदम उछाल आया है. आंकड़ों की मानें, तो ग्वालियर में बीते 14 दिनों में हार्ट अटैक से 34 और ब्रेन अटैक से 33 मरीजों की मौत हो चुकी है. डॉक्टर्स का कहना है कि सबसे चौंकाने और चिंता की बात ये है कि इस बार हार्ट अटैक के जो केस आ रहे है, उनमें बड़ी संख्या 30 से 50 वर्ष की उम्र के युवाओं की है. 

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14 दिन में सामने आए 250 से अधिक मरीज

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि ग्वालियर के सबसे बड़े अस्पताल जेएएच और एक निजी हार्ट अस्पताल में हार्ट संबंधी परेशानियों से जुड़े पिछले 14 दिन में 290 मरीज भर्ती हुए हैं. इनमें से 34 मरीजों की मौत हो गई. डॉक्टर्स का कहना है कि इनमें से लगभग 52 फीसदी 30 से 50 वर्ष की आयुवर्ग के मरीज हैं. एक और चौंकाने वाली बात ये है कि इन युवा मरीजों में मल्टीपल ब्लॉकेज देखने को मिल रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि सर्दी की वजह से अधिकांश मरीज इतने गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं कि उपचार शुरू होने से थोड़ी देर में ही दम तोड़ देते हैं. 

सीनियर कॉर्डोलोजिस्ट ने कही ये बात

गजराराजा मेडिकल कॉलेज के हार्ट विभाग के विभाग अध्यक्ष और जेएएच के सीनियर कॉर्डोलोजिस्ट डॉ. राम रावत का कहना है कि मौसम का पारा अचानक गिरने के कारण हार्ट अटैक के केस बढ़ते है. इसके लिए सभी को एहतियात बरतनी जरूरी है. हार्ट पेशेंट सुबह धूप निकलने के बाद 9 बजे के बाद ही घर से बाहर निकलें और शाम 4 बजे के बाद घर में पहुंच जाए. ऊनी कपड़े पहने और समय पर दवा और हल्का भोजन करें. 

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ब्रेन अटैक के मरीजों के लिए कम पड़ गई जगह

ज्यादा ठंड के कारण यहां के न्यूरोलोजी अस्पताल में पहुंचने वाले ब्रेन अटैक के मरीजों की संख्या में भी बड़ा इजाफा देखने को मिल रहा है. जेएएच में बीते 12 दिनों में ब्रेन अटैक के 140 मरीज आ चुके है. इनमें से 33 मरीजों की मौत हो गई. इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के आने से जगह कम पड़ गयी है. दूसरी फ्लोर में मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है. न्यूरोलोजी के एचओडी डॉ. दिनेश उदेनिया ने बताया कि सर्दी बढ़ने पर शरीर में खून के अंदर फाइब्रोजिन नामक पदार्थ में बढोत्तरी हो जाती है. इससे खून गाढ़ा हो जाता है. इससे रक्त का प्रवाह रुकने लगता है. 

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