मध्यप्रदेश के सीहोर से ऐसा मामला सामने आया है जो स्वास्थ्य विभाग की हकीकत दिखा रहा है. खबर है कि सीहोर में एक मासूम ने दम तोड़ दिया है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर समय पर नहीं आए जिसके कारण उपचार नहीं मिला जिससे उनकी खुशियां उजड़ गई है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की यह हालत है तो अन्य क्षेत्र में क्या होता होगा?
स्वास्थ्य विभाग में समय पर इलाज नहीं
आए दिन चर्चा में रहने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाड़कुई एक बार फिर से लापरवाही और अनियमितताओं को लेकर चर्चाओं में है. मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बताया जा रहा है. जहां एक माह की नवजात बच्ची की इलाज नहीं मिलने से मौत हो गई. मामले को लेकर परिजनों का कहना है कि 10 बजे के करीब हम बच्ची को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाड़कुई पहुंचे, जहां नर्स ने बताया कि कुछ समय में डॉक्टर आ जाएंगे, आप थोड़ा इंतजार करो. वही इंतजार इतना लंबा हो गया कि मासूम की जान चली गई.
डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की मौत
मामले में परिजनों का आरोप है कि बच्ची की तबीयत खराब थी और उसकी सांस चल रही थी. परिजन बच्ची को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन देखने वाली बात तो यह है कि वहां पर नर्सों ने भी नवजात का इलाज नहीं किया. मृत बच्ची के परिजनों को केवल आश्वासन दिया गया कि कुछ देर में डॉक्टर आ जाएंगे. गौरतलब है कि OPD खुलने का समय 9:30 का है लेकिन यहां वरिष्ठ डॉक्टर प्रदीप जायसवाल कभी भी समय पर स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचते हैं, जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार उनकी शिकायत भी की है.
वहीं CMHO सुधीर डेहरिया का कहना है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए वह ग्राम लाड़कुई पहुंचे हैं. उन्हें जानकारी मिली है कि बच्चे को उसके परिजन मृत अवस्था में ही अस्पताल लाए थे.
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