Madhya Pradesh News: जन्मदिन पर पार्टियां तो अक्सर आयोजित होती है , केक भी काटा जाता है और भी कई यादगार चीजें भी होती है लेकिन ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक (Gwalior Superintendent of Police) के जन्मदिन का आयोजन बिल्कुल अलग और अनूठा हुआ और शायद सबसे यादगार भी, जी हां ये जन्मदिन (Birthday) ऐसा मना कि इसे पुलिस अधीक्षक तो याद ही रखेंगे लेकिन इसको वो आदिवासी समुदाय (Tribal community) के लोग भी नहीं भूल पायेंगे जिनके बीच ये यादगार जन्मदिन मनाया गया था.
आदिवासियों के साथ मना जन्मदिन
इस जन्मदिन की पार्टी दूर जंगल मे रहने वाले आदिवासियों के बीच हुई. इसमें आदिवासियों ने अपने हाथ से जन्मदिन का पोस्टर बनाया, दूध से परंपरागत कलाकंद का केक बनाया साथ ही अपने कौशल का प्रदर्शन भी किया. खास बात यह कि इस आयोजन में एसपी चन्देल खुद उपस्थित नहीं थे नही थे बल्कि यह पोस्टर, कलाकन्द और जन्मदिन के कार्यक्रम का वीडियो ग्वालियर लाकर उन्हें भेंट किया गया.
बड़ी संख्या में रहते हैं आदिवासी
जिले के घाटीगांव इलाके में जंगलों में बड़ी संख्या में सहरिया आदिवासी रहते हैं, यहां के एसडीओपी (SDOP) संतोष कुमार पटेल ने एसपी साहब के जन्मदिन को यादगार बनाने की सोची, उन्होंने जिला पंचायत के सीईओ (CEO) विवेक कुमार से आदिवासी गाँव में इस दिन एक शिविर लगाने का आग्रह किया.
बच्चों ने बनाया पोस्टर
जिला पंचायत द्वारा लगाए गए इस शिविर का आयोजन आदिवासी दफाई तकियापुरा में किया गया था. इसमें सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी आए थे. एसडीओपी संतोष कुमार पटेल ने बताया कि आज उनके एसपी साहब का जन्मदिन है तो बच्चों ने एसडीओपी से एसपी साहब का एक फोटो मांगा, Photo लेकर थोड़ी ही देर में बच्चे जन्मदिन शुभकामनाओं का एक पोस्टर बनाकर ली आए. आदिवासी महिलाएं भी कहां पीछे रहने वाली थी. वो भी अपने घर से अपना परंपरागत मिष्ठान दूध का कलाकंद बनाकर ले आईं और फिर सबने एसपी साहब के जन्मदिन को साथ में सेलिब्रेट किया.
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मस्ती के साथ निपट गए कई काम
इस मौके पर आदिवासी युवाओं ने अपने परंपरागत खेल और हुनर का भी प्रदर्शन किया, उनका ये प्रदर्शन और हुनर सभी को काफी पसंद आया. यहां उपस्थित अधिकारियों ने इन सबको इनाम भी बांटे. एसपी चन्देल के इस जन्मदिन आयोजन के मौके पर लगाये गए शिविर में सिर्फ पार्टी और मस्ती ही नही हुई बल्कि उनकी वर्षों पुरानी समस्याएं भी निपटाई गईं.
कई अधिकारी रहे मौजूद
इसमें 27 आदिवासी बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र बने इनमें से अनेक ऐसे थे जो दस वर्ष के हो चुके थे लेकिन अब तक उनके पास जन्म प्रमाणपत्र ही नहीं थे, 24 आदिवासियों के मौके पर ही आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी हुई,14 लोगो की E-KYC की गई, 36 लाडली बहनाओं के आवेदन भरे गए. गाँव मे स्वच्छता के लिए खासकर युवा और महिलाओं को जागरूक किया गया,साथ ही होस्टल में पढ़ने के लिए सभी बच्चो के दस्तावेज भी मौके पर ही तैयार कराए गए. इस दौरान पुलिस और अन्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे.