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Gwalior : 80 लाख की लागत से बनी कंप्यूटर लैब से उपकरण हो गए गायब ? प्रबंधक ने साधी चुप्पी

Madhavrao Scindia Science College :  ग्वालियर के दो सरकारी कॉलेजों में बनी कंप्यूटर लैब छात्रों के कोई काम की नहीं है. विश्व बैंक के प्रोजेक्ट के तहत 80 लाख रुपये की लागत से यहां कंप्यूटर लैब और स्मार्ट क्लास बनाई गई थी. 

Gwalior : 80 लाख की लागत से बनी कंप्यूटर लैब से उपकरण हो गए गायब ? प्रबंधक ने साधी चुप्पी
Gwalior : 80 लाख की लागत से बनी कंप्यूटर लैब से उपकरण कैसे हो गए गायब ? प्रबंधक ने साधी चुप्पी.

Computer Lab : ग्वालियर जिले के दो बड़े सरकारी कॉलेजों में स्टूडेंट की सुविधा के लिए लगभग 80 लाख रुपये की लागत से स्थापित की गई कंप्यूटर लैब और स्मार्ट क्लास एक साल पहले बनी थी. दो सत्र बीतने के बाद इनमे पढ़ाई की शुरुवात ही नहीं हो सकी. हकीकत तो ये है 8 स्मार्ट क्लास में से 3 का तो ज्यादातर सामान तक गायब हो चुका है.सबसे पहले बात अंचल के सबसे बड़े विज्ञान महाविद्यालय की. माधवराव सिंधिया विज्ञान महाविद्यालय में विश्व बैंक के एक प्रोजेक्ट के तहत 40 कंप्यूटर की एक लैब स्थापित की गई थी, ताकि बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो सके.

लगभग 50 लाख रुपये की लागत से यहां कम्प्यूटर के साथ ही एसी , फर्नीचर आदि लगाकर स्मार्ट क्लास भी बनाया गया था. लेकिन अभी तक इस पर ताला ही लटका है. यह स्टूडेंट के लिए खोली ही नहीं जा सकी. इसकी असली वजह लैब प्रभारी और प्राचार्य के बीच का विवाद है.

'कंप्यूटर सभी विभागों को बांटना चाहिए'

लैब को नहीं खोला जा रहा है, जबकि लैब में सारी जरूरी व्यवस्ताएं हैं.

लैब को नहीं खोला जा रहा है, जबकि लैब में सारी जरूरी व्यवस्ताएं हैं.

कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो भानु प्रताप जादौन का कहना है कि यह कंप्यूटर पूरे कॉलेज के लिए आए थे, लेकिन केमिस्ट्री वालों ने अपने यहां रख लिए. यह गलत है. कंप्यूटर सभी विभागों को बांटना चाहिए. वे इसके लिए लैब प्रभारी डॉ. डी कुमार से पत्राचार कर रहे हैं. जबकि डॉ कुमार का कहना है कि यह लैब लगभग 6 माह पहले स्थापित हुई थी. इससे आईटी का प्रशिक्षण दिया जाना था. लेकिन ट्रेनिंग देने के लिए आईटी एक्सपर्ट ही उपलब्ध नहीं है. इसलिए लैब को नहीं खोला जा रहा है. जैसे ही एक्सपर्ट की व्यवस्था होगी इसे शुरू करवा देंगे.

तीन स्मार्ट क्लास में से तो उपकरण भी गायब हो गए

ठीक यही हाल महारानी लक्ष्मीबाई कला एवं वाणिज्य कॉलेज का है. इसमें भी एक वर्ष पहले 8 स्मार्ट क्लासेस शुरू की गईं थी. बीस लाख की लागत से बने इन क्लास में पढ़ाई ही शुरू नहीं हो सकी. बताते हैं तीन स्मार्ट क्लास में से तो उपकरण भी गायब हो गए. लेकिन कॉलेज प्रबंधन इस मामले पर चुप्पी साधे  बैठा है.

छात्र बोले- जल्द शुरू किया जाना चाहिए

उधर स्टूडेंट का कहना है कि इतनी अच्छी लैब होने के बावजूद उसे शुरू न करने से स्टूडेंट का काफी नुकसान हो रहा है. बच्चे फ्री समय में इसमें बैठकर काम कर सकते हैं. साथ ही केमिस्ट्री के प्रयोग भी कर सकते हैं. लेकिन इसका तो ताला ही नहीं खुल रहा है. इसे जल्द शुरू किया जाना चाहिए. 

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