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This Article is From Mar 21, 2024

Gwalior : भड़के जस्टिस बोले- इन्हें ठेला दे दो जिस पर ये सब्जी बेचें, ये स्कूल चलाने के लायक नहीं, गेट आउट... 

Gwalior News: न्यायालय की आपराधिक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी की डिविजनल बेंच ने मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आजकल कुछ लोगों का मुंह ज्यादा ही चलने लगा है, ऐसे लोग कोर्ट के अंदर अनाप - शनाप बातें करते हैं. ये जेल नही जाएंगे तब तक नहीं सुधरेंगे.

Gwalior : भड़के जस्टिस बोले- इन्हें ठेला दे दो जिस पर ये सब्जी बेचें, ये स्कूल चलाने के लायक नहीं, गेट आउट... 

Gwalior High Court : जज पर रिश्वत का आरोप लगाने को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में चल रही अवमानना याचिका (contempt petition) में आरोप लगाने वाले शिक्षण संस्थाओ के संचालक के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है . कोर्ट ने कहा ये स्कूल चलाते हैं ? इनको तो कोई ठेला दे दो जिस पर ये सब्जी बेचे, ये स्कूल चलाने के लायक नहीं हैं. जब स्कूल संचालक ने जस्टिस के हाथ जोड़े तो वे भड़क गए और बोले - गेट आउट.  

यह है पूरा मामला

मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट (Madhya Pradesh Highcourt) के अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक खेड़कर ने कोर्ट को बताया कि शिवनारायण सिंह निवासी जिला भिंड के द्वारा 2022 में  न्यायालय में एक सिविल केस दायर किया गया था. इसी दौरान उन्होंने केस की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के खिलाफ पैसे लेकर आवेदन निरस्त करने का आरोप लगाते हुए अनेक अशोभनीय टिप्पणियां की थी. इसके बाद शिवनारायण के खिलाफ हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में आपराधिक अवमानना का प्रकरण दर्ज किया गया है. न्यायालय की इस आपराधिक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी की डिविजनल बैंच ने मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आजकल कुछ लोगों का मुंह ज्यादा ही चलने लगा है, ऐसे लोग कोर्ट के अंदर अनाप - शनाप बातें करते हैं. जजो के बारे में , ऐसे लोगो को सही दिखाना चाहिए. ये जेल नही जाएंगे तब तक नहीं सुधरेंगे. 

बच्चों का भविष्य क्या होगा ? 

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि शिवनारायण सिंह रामनाथ शिक्षा प्रसार समिति का प्रबंधन संभालते हैं और स्कूल का संचालन भी इनकी देखरेख में होता है, यह सुनकर कोर्ट ने कहा - ये स्कूल चलाते हैं ? इनको कोई ठेला दे दो जहां पर सब्जी बेचें. ये स्कूल चलाने के लायक हैं ? प्रशासनिक न्यायमूर्ति जस्टिस रोहित आर्या ने टिप्पणी की कि जिस शिक्षण संस्थान को ऐसे बदतमीज लोग चलाने वाले चलाने वाले हों ,वहां के छात्रों का भविष्य क्या होगा? यही सिखाओगे उन्हें पढ़ लिखकर कोर्ट में गाली गलौज करो. आप न्याय मांगने आते हो या कोर्ट को धमकाने आते हो ? न भाषा है, न आचरण है कोर्ट (जज) को अंदर धमकाते हैं. कोर्ट ने शासन को यह भी निर्देश दिए कि यह पता करो कि आरोपी का स्कूल अभी भी चल रहा है या नहीं ? गौरतलब है कि शिव नारायण और उसके परिजनों के ग्वालियर चम्बल अंचल में अनेक स्कूल , कॉलेज संचालित हैं.

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चम्बल के नकल माफिया पर की टिप्पणी

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान IPS मनोज शर्मा के जीवन पर बनी फिल्म 12 वीं फेल का हवाला भी दिया. इस फ़िल्म में बताया गया कि कैसे शिक्षा माफिया पैसे लेकर बच्चों को पास कराता है. कोर्ट को बताया गया कि यह फ़िल्म मुरैना की पृष्ठभूमि पर बनी है. इस पर जस्टिस आर्या ने कहा कि भिंड और मुरैना अगल बगल में हैं.  एक कलेक्टर ने उन्हें काफी पहले बताया था कि भिंड में नकल कराने की इंडस्ट्री है जिसमें करोड़ो रुपयों का लेनदेन होता है. 

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